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सवाई माधोपुर

भागदौड़ भरी जिदंगी में थॉयराइड की समस्या से जूझ रहे है लोग

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 70 मरीज आ रहे जांच के लिए

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सवाईमाधोपुर. आज की भागदौड़ भरी जिदंगी में तमाम लोग थॉयराइड से जूझ रहे हैं। यह एक ऐसी समस्या है, जिसकी चपेट में आने से कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। उधर, पिछले कुछ समय से जिला अस्पताल में भी थॉयराइड बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। सामान्य चिकित्सालय में औसतन 70 मरीज प्रतिदिन थॉयराइड की जांच के लिए पहुंच रहे है। यदि समय पर थॉयराइड के लक्षणों को नहीं पहचान पाए तो बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
24 घंटे में मिलती है थॉयराइड की जांच
जिला अस्पताल परिसर में स्थित कमरा नम्बर 180 प्रयोगशाला में वर्तमान में 40 प्रकार की नि:शुल्क जांचे की जा रही है। इनमें थॉयराइड की जांच भी शामिल है। लेब में प्रतिदिन 70 थॉयराइड मरीजों के सैम्पल लिए जा रहे है। लेकिन यहां उच्च स्तरीय प्रयोगशाला नहीं होने से सैम्पलों को जयपुर भेजा जाता है। यहां से 24 घंटे बाद जांच रिपोर्ट मरीज को मिलती है।
यह है थॉयराइड
थायराइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि है। यह गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर होती है। यह एंडोक्राइन ग्रंथि है यानी जिसमें नलिका नहीं होती। यह हार्मोन बनाती है। इसमें कई बार कमी आ जाती है। वैसे तो थॉयराइड में समस्या आना एक आम बात है। आमतौर पर महिलाओं में ज्यादा परेशानी होती है। एक बार थायरॉयड अगर बढऩे लगता है तो बहुत मुश्किल से इसे कंट्रोल किया जाता है। दवाओं से थायरॉयड कंट्रोल हो तो जाता है, लेकिन डाइट में यदि सुधार नहीं किया जाए तो दवाएं बेअसर हो जाती है।
ये है थॉयराइड बीमारी के लक्षण
थायरॉयड एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर को अंदर से खोखला कर देती है। हाइपर थायरिडिज्म और हाइपो थायरिडिज्म के लक्षण भले अगल-अलग हो लेकिन शरीर को दोनों ही बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। इससे वजन घटना, गर्मी न झेल पाना,ठीक से नींद न आना, प्यास लगना, अत्यधिक पसीना आना, हाथ कांपना, दिल तेजी से धड़कना, कमजोरी, चिंता, बालों का झडऩा, स्किन खराब होना, माहवारी में दिक्कत, आंखों की खराबी जैसी कई समस्याएं होती हैं।
यह है थॉयराइड के बचाव के उपाय
थॉयरायड में कुछ विशेष चीजों को खाने से हमेशा बचना चाहिए। सोयाबिन से बनी हर चीज थायरॉयड के लिए नुकसानदायक है। सोयाबिन प्लांट बेस्ड प्रोटीन का वो रिच सोर्स है जिसे खाने की सभी को सलाह दी जाती है, लेकिन थायरॉड के मरीज के लिए ये पूरी तरह से प्रतिबंधित होती है। सोयाबीन से हाइपो थायरॉइडिज्म का खतरा बढ़ता है। सोयाबीन में प्यूरीन होता है जो शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ाने का काम करता है। वहीं पुरुषों में ये एस्ट्रोजेन हार्मोन बढ़ाता है। इससे पुरुषों में फेमिनिन हार्मोंस बढऩे का खतरा रहता ह, जबकि महिलाओं को पिंपल्स, मूड स्विंग्स, वॉटर रिटेंशन, सूजन और मोटापा जैसी परेशानियां घेर लेती हैं। ऐसे में रिफाइंड फूड, पैकेटबंद खाना और दूध के अत्यधिक सेवन से थायरॉयड रोगियों को बचना चाहिए। मरीजों को चाय-कॉफी सिगरेट और शराब से भी दूरी बना लेनी चाहिए।

एक्सपर्ट व्यू…
थॉयरायड एक हार्मोन नियामक ग्रंथि होती है। इसमें असंतुलन होने से हार्मोन का जरूरत से ज्यादा या कम उत्पादन होता है, तो इसका शरीर के कई क्रियाकलापों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सोयाबिन से बनी हर चीज थायरॉयड के लिए नुकसानदायक है। इससे बचाव के लिए आहार में आयोडीन नमक का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा रोजाना योग, वर्क आउट या शारीरिक श्रम, सेव का सेवन, रात में हल्दी का दूध पीना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करना चाहिए। वहीं हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन व पोषक तत्वों से भरपूर भोजना करना चाहिए। लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सकों को दिखाना चाहिए।
डॉ. मोहम्मद अकरम, वरिष्ठ फीजिशियन, सामान्य चिकित्सालय सवाईमाधोपुर