
रणथम्भौर में फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा, पर्यावरण को कर रहा दूषित,रणथम्भौर में फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा, पर्यावरण को कर रहा दूषित,रणथम्भौर में फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा, पर्यावरण को कर रहा दूषित
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर के जंगल में फेंका जा रहा प्लास्टिक कचरा अब जंगल के सुख-चैन को भी खत्म करने लगा है। रणथंभौर में प्लास्टिक के उत्पाद फेंकने से जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं इससे जंगल के वन्यजीव भी अछूते नहीं है। जगह-जगह प्लास्टिक कचरा विदेशी सैलानियों के मन में यहां की छवि को धूमिल कर रहा है। हाल ही जंगल में बाघ के आगे प्लास्टिक की बोतल पड़े होने का फोटो सामने आया है। वन्यजीव के आगे इस तरह पानी की उपयोग की हुई बोतल को देख पर्यटक ने इस फोटो को शेयर किया और अपनी नाराजगी जताई।
गौरतलब है कि रणथंभौर में पर्यटकों के अलावा यहां स्थित त्रिनेश गणेश मंदिर पर हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। इसमें भी बुधवार, शनिवार और रविवार को भी सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। इस दौरान श्रद्धालु अपने साथ खाने-पीने की वस्तुएं एवं पानी की बोतल लेकर भी आते हैं। जागरूकता और मंदिर प्रशासन की ओर से इन्हें रोकने के इंतजाम नहीं होने के कारण ये श्रद्धालु कहीं भी इन प्लास्टिक के कचरे को फेंक देते हैं। इसके चलते यह कचरा जंगल में उड़कर जगह-जगह बिखरा रहता है और जंगल की आबोहवा को खराब कर रहा है। हाल ही एक पर्यटक के जंगल में घूमने जाने पर एक बाघ के सामने बोतल नजर आई। इस दौरान पर्यटक ने इसे लेकर आपत्ति भी जताई, लेकिन वन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया।-------
रणथम्भौर में हर माह खप रहा करोड़ों का प्लास्टिकरणथम्भौर में हर साल सैलानी सहित लाखों की संख्या में श्रद्धालु गणेश मंदिर पर दर्शन करने आते हैं। वहीं बुधवार के अलावा शनिवार और रविवार को तो यहां बहुत ही अधिक भीड़ रहती है। हालांकि सैलानियों पर प्लास्टिक फेंकने पर जुर्माना है, लेकिन श्रद्धालुओं पर कोई रोक-टोक नहीं है। वे अपने साथ मंदिर जाते समय प्लास्टिक कचरे के रूप में खाने-पीने की वस्तुएं एवं पानी की बोतलें लेकर जाते हैं। इनका उपयोग करने पर ये इन्हें जहां-तहां फेंक देते हैं। ऐसे में यह कचरा मंदिर जाने वाले रास्ते एवं मंदिर के नीचे भी जगह-जगह देखा जा सकता है।
-------इनका कहना है....
हम प्रयास कर रहे हैं कि श्रद्धालुओं को प्लास्टिक कचरा फेंकने से रोकने के लिए पॉलिबैग दिए जाए। इसके लिए हमने एक योजना भी बनाई है। ताकि वे अपने साथ कोई भी प्लास्टिक कचरा लेकर जा रहे हैं तो उसे इधर-उधर नहीं फेंके और उसे कपड़े के बैग में एकत्रित कर साथ ही वापस ले आएं।पी.काथिरवेल, मुख्य वन संरक्षक, रणथम्भौर टाइगर रिजर्व
Published on:
17 Dec 2023 05:33 pm
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