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एक करोड़ की लागत से बन रहे ट्रेक की बारिश ने खोल डाली पोल

एक करोड़ की लागत से बन रहे ट्रेक की बारिश ने खोल डाली पोल   मार्च 22 को होना था पूरा जो अभी है अधूरा पूरा होने से पहले ही उखड़ गया driving ट्रेक कमजोर गुणवत्ता से हुआ घटिया निर्माण तो बनने से पहले ही ट्रेक हो गया क्षतिग्रस्त सवाईमाधोपुर. जिला परिवहन कार्यालय परिसर में ऑटोमेटिक driving टेस्ट ट्रेक बनने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। ट्रेक पर बारिश में डामर उखड़ कर सीसी निकल आई है। ऐसे गुणवत्ता हीन सामग्री का उपयोग करने से डामर चारों ओर फैल गया है। इसके चलते अब तक इसे चालू नहीं किया

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एक करोड़ की लागत से बन रहे ट्रेक की बारिश ने खोल डाली पोल

एक करोड़ की लागत से बन रहे ट्रेक की बारिश ने खोल डाली पोल

एक करोड़ की लागत से बन रहे ट्रेक की बारिश ने खोल डाली पोल
मार्च 22 को होना था पूरा जो अभी है अधूरा
पूरा होने से पहले ही उखड़ गया driving ट्रेक
कमजोर गुणवत्ता से हुआ घटिया निर्माण तो बनने से पहले ही ट्रेक हो गया क्षतिग्रस्त

सवाईमाधोपुर. जिला परिवहन कार्यालय परिसर में ऑटोमेटिक driving टेस्ट ट्रेक बनने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। ट्रेक पर बारिश में डामर उखड़ कर सीसी निकल आई है। ऐसे गुणवत्ता हीन सामग्री का उपयोग करने से डामर चारों ओर फैल गया है। इसके चलते अब तक इसे चालू नहीं किया गया है। ट्रेक का कार्य अधूरा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। राजस्थान स्टेट राड डवलपमेंट एण्ड कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरएसआरडीसी) की ओर से करीब एक करोड़ के बजट में एक हैक्टेयर क्षेत्र में ट्रैक का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका सिविल वर्क पूरा हो चुका है। कैमरा और सेंसर लगाए जाने हैं। यानी सब कुछ सही रहा तो ड्राइङ्क्षवग लाइसेंस, डीएल के लिए इसी ट्रैक पर मार्च तक ट्रायल शुरू हों सकेंगे।
डेढ़ साल से चल रहा निर्माण
ऑटोमेटिक ट्रेक का निर्माण करीब डेढ साल से चल रहा है। जो अभी तक पूरा नहीं किया गया है। जबकि नियमानुसार निर्माण कार्य मार्च 2022 में पूर्ण होकर उस पर ट्रॉयल शुरू होनी थी, लेकिन विभाग की अनदेखी के चलते अभी तक इसे शुरू नहीं किया गया है।
सिविल कार्य हुआ पूरा
जानकारी के अनुसार 8 एच सर्पेंटाइल (ट्रिपल 8 आकार ) पार्किंग एक पुल इस ऑटोमेटिक ट्रैक में बना हुआ है। ट्रैक के साइड में लाइन भी बनी हुई है। अगर 4 बार से ज्यादा इस लाइन पर पहिया चढ़ता तो सिस्टम उसे फेल कर देगा। सीधे और रिवर्स चलाने के लिए समय तय होगा। तय समय में टेस्ट पूरा नहीं हुआ तो आवेदक फेल हो जाएगा। ट्रेक पर वेङ्क्षटग रूम और 2 इंस्पेक्टर रूम भी बनाए गए हैं। दोपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग ऑटोमेटिक ड्राइङ्क्षवग ट्रैक बनाए गए हैं। अभी तक सिविल कार्य पूरा किया है।
&ऑटोमेटिक ट्रेक का सिविल कार्य पूरा हो गया है। कार्य में गुणवत्ता व मापदण्डों के अनुसार नहीं किया गया है। संबंधित ठेके दार ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया है। इससे ट्रेक की डामर उखड़ कर गिट्टी व सीसी निकल आई है। इस संबंध में रिडकोर व प्रादेशिक परिवहन अधिकारी दौसा को गुणवत्ता पूवर्क कार्य कराने के लिए पत्र भेज दिया है।
दयाशंकर गुप्ता, जिला परिवहन अधिकारी सवाईमाधोपुर।