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मुकुंदरा में प्री बेस तैयार, बाघ का इंतजार ,रणथम्भौर से शिफ्ट किए जाने हैं दो बाघ

मुकुंदरा में प्री बेस तैयार, बाघ का इंतजार ,रणथम्भौर से शिफ्ट किए जाने हैं दो बाघ

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,रणथम्भौर से शिफ्ट किए जाने हैं दो बाघ

15 दिन आठ हजार हैक्टयार में रहेगा बाघ,फिर पूरे जंगल में गूंजेगी दहाड़
सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान से कोटा के मुकुंदरा हिल्स में जल्द ही दो बाघ शिफ्ट किए जाएंगे। स्थानीय वन विभाग बाघ के स्वागत की तैयारियों में जुटा हुआ है। जल्द ही मुकुंदरा में बाघ की दहाड़ गूंजती सुनाई देगी। यहां प्री बेस तैयार कर लिया गया है। जैसे ही बाघ को शिफ्ट किया जाएगा। उसे शुरू के 15 दिन इसी आठ हजार हैक्टयार क्षेत्र के एंक्लोजर में रखा जाएगा। ताकि वो यहां की आबोहवा के साथ तालमेल बिठा सके।

पूरे जंगल पर करेगा राज
15 दिन प्री बेस एंक्लोजर में रहने के बाद बाघ का पूरे जंगल पर राज चलेगा। आठ हजार हैक्टयार के एंक्लोजर क्षेत्र में चारों और हरी नेट व जालियां वन विभाग की ओर से लगा दी गई हैं। वहीं इस क्षेत्र में बाघ के भोजन के लिए 22 चीतल भी छोड़ दिए गए हैं। प्री बेस एंक्लोजर में बाघ की सुविधा के लिए चार वाटर हॉलों का निर्माण कर दिया गया है। जिनमें प्रतिदिन साठ हजार लीटर पानी भरा जाएगा।


घाटी चौकी से होगा टाइगर का प्रवेश
मुकुंदरा हिल्स में पहली बार बाघ का प्रवेश घाटा चौकी से होगा। बाघ को पहली बार यहीं छोड़ा जाएगा। यहां पर बाघ के मूंवमेंंट पर निगाह रखने के लिए दस वन कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। साथ ही इस क्षेत्र में एक वन्य जीव विशेषज्ञ चिकित्सक भी नियुक्त कर दिया गया है। फिलहाल यहां एक बाघ छोड़ा जाएगा। इसके बाद जल्द ही दूसरे बाघ को शिफ्ट करेंगे।


शिकार के पुख्ता प्रबंध हैं जंगल में
बाघ को प्री एंक्लोजर के बाद 28 हजार हैक्टयार के प्री बेस एरिया में छोड़ा जाएगा। यहां घाटी माता चौकी से लेकर दरा गांव, सावनभादो डैम व आमझर तक बाघ का मूवमेंट रहेगा। इस क्षेत्र में बीस वटर हॉल का निर्माण किया गया है। वहीं शिकार के लिए 400 से अधिक चीतल, 900 से अधिक नीलगाय व बड़ी संख्या में सांभर, भालू, हिरण आदि जानवर मिलेंगे।


द्वितीय चरण में गोगरेण तक मूवमेंट
दूसरे चरण में बाघ के मूवमेंट को गोगरेण तक बढ़ाया जाएगा। घाटी से मशालपुरा, लक्ष्मीपुरा आदि होते हुए बाघ गोगरेण तक पहुंचेगा। प्री बेस में शाकाहारी जानवरों के लिए भी भोजन के प्रबंध किए जा रहे हैं।


वन विभाग नहीं उठा रहा जोखिम
गत दिनों रणथम्भौर में बाघ टी-28 की मौत के बाद बाघों की शिफ्टिंग को लेकर वन विभाग को जोखिम उठाने को तैयार नहीं है। विभाग फूंक-फूंक के कदम रख रहा है। पूर्व में 19 मार्च तक दोनों में इसी एक बाघ को मुकुंदरा शिफ्ट करना था, लेकिन अब बाघ की मौत के बाद विभाग वाइल्ड लाइन इंस्टीट्यूट ऑफ इण्डिया का इंतजार कर रहा है। विभाग इंस्टीट्यूट की टीम की मौजूदगी में ही बाघ को ट्रेकुंलाइज करना चाह रहा है।


एसीएफ ने किया निरीक्षण
बाघ की आने की तैयारियों का शनिवार को दरा वन रेंज के एसीएफ अनिल यादव ने निरीक्षण किया। इस वन क्षेत्र में एसीएफ ने घाटा माता चौकी, दरा स्टेशन, दार चौकी दरा गांव आदि का निरीक्षण कर कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। रविवार को जयपुर से अजीत सिंह ने भी मुकुंदरा का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।


तैयारियां की जा रही है....
मुकुंदरा में बाघ की शिफ्टिंग के लिए प्री बेस तैयार कर लिया गया है। दूसरी तैयारियां की जा रही हैं।
टी मोहनराज, डीएफओ, मुकुंदरा, कोटा।