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जल…जिला और जेल…तीन मुद्दे-दो सुलझे, पांचना का पानी…अधूरी कहानी

Rajasthan Assembly Election 2023: जल...जिला और जेल। बीते वर्षों में गंगापुर सिटी के तीन चुनाव इन तीन मुद्दों की सियासत पर ही टिके रहे हैं। राज्य सरकार ने हाल ही गंगापुर को नया जिला घोषित कर एक बड़े मुद्दे का पटाक्षेप कर दिया, लेकिन पांचना बांध से पानी के मामले का हल अभी दूर की कौड़ी दिख रहा है।

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पंकज चतुर्वेदी
सवाईमाधोपुर.Rajasthan Assembly Election 2023: जल...जिला और जेल। बीते वर्षों में गंगापुर सिटी के तीन चुनाव इन तीन मुद्दों की सियासत पर ही टिके रहे हैं। राज्य सरकार ने हाल ही गंगापुर को नया जिला घोषित कर एक बड़े मुद्दे का पटाक्षेप कर दिया, लेकिन पांचना बांध से पानी के मामले का हल अभी दूर की कौड़ी दिख रहा है। यहां हर खासो-आम की जुबान पर फिलहाल सिर्फ नए जिले की बातें ही हैं। उधर, जेल को शहर से बाहर स्थानांतरित करने का मसला भी लगभग हल हो गया है। डिबस्या रोड पर शहर के बाहर नया जेल भवन बन रहा है। पूरा होने पर जेल को वहां शिफ्ट किया जाएगा। सवाईमाधोपुर से गंगापुर पहुंचा तो शहर में एक मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का बड़ा कार्यक्रम चल रहा था। हजारों की संख्या में लोग यहां जुटे थे। नेताओं ने मंदिर के बाहर आस-पास का समूचा क्षेत्र बैनरों से पाट दिया था। हालांकि, जनता का इनसïे कोई खास सरोकार नहीं दिखा। तेज बारिश में श्रद्धालुओं का उद्देश्य दर्शन और प्रसादी पाकर रवाना होना ही था। अधिकतर को नए जिले का सबसे बड़ा फायदा बस यही नजर आया कि... अब बार-बार सवाईमाधोपुर नहीं जाना पड़ेगा।
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उदेई मोड पर जनरल स्टोर चलाने वाले प्रमोद गुप्ता नया जिला और नए सियासी समीकरणों को लेकर खासे अपडेट मिले। हालांकि, व्यापार के हालात पर सुस्त सा जवाब दिया। बोले, कोरोना के बाद की सुस्ती अभी पूरी तरह नहीं गई। गांवों से ग्राहक शहर में अब नहीं आते। पेट्रोल-डीजल के दामों का भी व्यापार पर असर है। करीब 40 वर्ष से गंगापुर में रह रहे रामखिलाड़ी शर्मा सरकारी योजनाओं के लिए पंजीकरण तो करा आए... लेकिन फायदा कितना मिला, इस सवाल को बेरुखी से टाल गए। शर्मा बोले, नए जिले से कुछ नहीं होगा, जब तक शहर को गंदगी और तंग गलियों में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात नहीं मिले। स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगार मिलना चाहिए, तभी पलायन और गुंडागर्दी मिट सकेगी।

गंगापुर की कृषि उपज मंडी सरसों और तिल के व्यापार के लिहाज से इलाके की सबसे बड़ी मंडी है। जब यहां पहुंचा तो खुले में रखी उपज को बारिश से बचाने के लिए शेड्स में रखने की जुगत चल रही थी। व्यापारी दामोदर अग्रवाल का कहना था कि सरसों मुख्य उपज है, लेकिन तिल के सीजन में भी मंडी से बड़ा व्यापार होता है। यहां का तिल विदेशों तक निर्यात होता है। सरकार की नई निवेश प्रोत्साहन नीति से भी उद्यमियों को फायदा हुआ है। मंडी और अन्य शुल्कों में रियायत के बाद इलाके में तिलहन आधारित प्रोसेसिंग यूनिट्स बढ़ गई हैं, जो स्थानीय व्यापार के लिहाज से अच्छे संकेत हैं।
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छोटी उदेई के किसान हरकेश मीणा को टटोला तो उनके विषय अलग थे। लंपी में सरकारी सहायता में विलंब से नाराज मीणा बोले, सरकार मुआवजा देती है... लेकिन अफसर उसे पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रयास करें तो ही सही मायनों में फायदा होगा। हरकेश को पांचना बांध का मुद्दा सुझलने की आस भी है। पानी मिला तो गंगापुर के करीब दर्जनभर से अधिक गांवों को लाभ मिलेगा। गौरतलब है कि 2006 से ही करौली के अनकमांड क्षेत्र के गांवों में पानी देने संबंधी किसानों की मांग पर विवाद के चलते बांध से पानी नहीं छोड़ा गया है।

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