सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान को यूं तो प्रदेश के सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व है। प्रदेश में सबसे अधिक बाघ बाघिन है और यहां बाघों के कुनबे में भी लगातार इजाफा हो रहा है लेकिन रणथम्भौर टाइगर रिजर्व भी स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। रणथम्भौर नेशनल पार्क में कुल 100 बीट हैं। जिनमें से फिलहाल करीब 60 प्रतिशत बीट खाली हैं। जिसकी वजह से रणथम्भौर की रोजाना ट्रेकिंग नहीं हो पा रही है। रणथम्भौर में बीट की स्थिति यह है कि यहां कार्यरत स्टाफ बीट की ट्रेकिंग अल्टरनेटिव कर रहा है। जिसमें एक दिन छोडकऱ एक दिन बीट की ट्रेकिंग हो रही है।
जरूरत तीन की कर्मचारी एक
यदि वन चौकियों की बात की जाए तो रणथम्भौर में दो सौ से अधिक चौकियां है। यहां नियमानुसार एक चौकी पर वन चौकी पर तीन वनकर्मियों की आवश्कता है, लेकिन वहां एक ही वनकर्मी कार्यरत है। जिसके चलते नेशनल पार्क में अवैध शिकार,चराई, कटाई को रोक पाना वन विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। साथ ही वन विभाग की कई चौकियां तो खाली ही पड़ी हुई हैं।
वनरक्षकों के 70 पद रिक्त
रणथम्भौर में वन रक्षक के 123 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 70 पद रिक्त हैं। इसी तरह यहां सहायक वनपाल के 24 पद स्वीकृत हैं। जिनमें से 5 पद खाली हैं। इसी तरह यहां वनपाल के 11 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 4 पद रिक्त हैं।पहले रणथम्भौर नेशनल पार्क में 130 वर्क चार्ज कर्मचारी कार्यरत थे। जिसमें से 50 कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। अब यहां पर 80 वर्कचार्ज कर्मचारी कार्यरत हैं। पहले जहां रणथम्भौर में 252 कर्मचारी थे, जिनमें अब 123 कर्मचारी ही कार्य कर रहे है। रणथम्भौर में फिलहाल 50 प्रतिशत पद रिक्त है। एक वनकर्मी एक बीट की जगह दोण्तीन बीट का काम संभाल रहा है। इसके लिए रणथम्भौर के वनाधिकारियों की ओर से उच्चाधिकारियों को भी कई बार पत्र लिखे जा चुके हैं। वनाधिकारियों की ओर से इसके लिए पिछले एक साल में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका हैंए इसके बावजूद यहां के हालत जस के तस बने हुए है।
यह है नियम
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हर दस किमी के क्षेत्र में वन्यजीवों की ट्रेकिंग व मॉनिटरिंग के लिए दो फोरेस्ट गार्ड की दरकार होती है। साथ ही एक बाघ की मॉनिटरिंग के लिए कम से कम एक वनकर्मी होना चाहिए लेकिन रणथम्भौर में बड़ी संख्या में वनकर्मियों के पद रिक्त होनेके कारण वर्तमान में औसतन दो बाघों की मॉनिटरिंग के लिए एक ही वनकर्मी उपलब्ध है। ऐसे में वन विभाग की मॉनिटरिंग व ट्रेकिंग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है।
इनका कहना है…
उच्चाधिकारियों को इस बारे में कई बार पत्र लिखे जा चुके है। रणथम्भौर में स्टाफ की कमी के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।भर्ती का काम सरकार का है।
– मोहित गुप्ता, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।