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रणथंभौर: नहीं रही मगरमच्छ का शिकार करने वाली बाघिन ऐरोहेड, 10 मिनट में ‘पानी के राजा’ को दिखाई थी औकात

रणथंभौर की मशहूर बाघिन ऐरोहेड टी-84 ने तोड़ा दम, 16 वर्ष से अधिक की उम्र, बोन ट्यूमर से थी पीड़ित, हाल ही मगरमच्छ का शिकार कर पर्यटकों को किया था रोमांचित

tigeress t-84 arrowhead
tigeress t-84 arrowhead died

सवाईमाधोपुर। सवाईमाधोपुर के रणथंभौर से बड़ी खबर आ रही है। यहां की मशहूर बाघिन ऐरोहेड टी-84 ने दम तोड़ दिया। बाघिन का शव जोन दो में सुबह मिला। बाघिन ऐरोहेड करीब 16 वर्ष से अधिक की थी और वह बोन ट्यूमर से पीड़ित थी। बाघिन एरोहेड रणथंभौर की विश्व प्रसिद्ध बाघिन मछली की नवासी थी।

कमजोर पर साहसी थी ऐरोहेड

वृद्धावस्था और बोन ट्यूमर से पीड़ित होने पर भी बाघिन ऐरोहेड काफी साहसी थी। पर्यटकों ने उसे कई बार कैमरे में भी कैद किया था। हाल ही गत 14 जून को जोन तीन में जोगी महल के पास ऐरोहेड ने मगरमच्छ का शिकार कर पर्यटकों को रोमांचित किया था। वृद्धावस्था में भी करीब दस मिनट में बाघिन एरोहैड मगरमच्छ को जबड़े में दबाकर बाहर ले आई थी।

तीन संतानों की रणथंभौर से विदाई

वहीं उससे पहले आज बाघिन ऐरोहेड की बेटी आरबीटी-2507 को मुकुंदरा शिफ्ट किया गया। लगभग दो वर्षीय आरबीटी-2507 कनकटी के नाम से मशहूर है। यह काफी खूंखार बाघिन है। इससे पहले गत दिनों ऐरोहेड की मादा शावक आरबीटी-2508 को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी और नर शावक आरबीटी-2509 को कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य भेजा गया है।