scriptरणथम्भौर से फिर गायब हुई बाघिन | Tigress disappeared again from Ranthambore | Patrika News
सवाई माधोपुर

रणथम्भौर से फिर गायब हुई बाघिन

दो माह से नजर नहीं आ रही बाघिन टी-138 वन विभाग जुटा तलाश में

सवाई माधोपुरFeb 04, 2023 / 06:27 pm

Surendra

रणथम्भौर से फिर गायब हुई बाघिन

रणथम्भौर से फिर गायब हुई बाघिन

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर में बाघों के साथ अमंगल का सिलसिला लगातार जारी है। अभी बाघिन टी-114 व उसके एक शावक की मौत का मामला ठण्डा नहीं हुआ है वहीं अब एक ओर बाघ के गायब की खबर सामने आ रही है। दरअसल जानकारी के अनुसार रणथम्भौर का युवा बाघिन टी-138 पिछले दो माह से वन विभाग को नजर नहीं आ रही है। ऐसे में वन विभाग की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई है। हालांकि वन अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए है लेकिन सूत्रों की माने तो विभाग की ओर से बाघ की तलाश कराई जा रही है लेकिन अब तक विभाग को सफलता नहीं मिल सकी है। वन विभाग की ओर से बाघिन की तलाश के लिए आठ सदस्यीय टीम भी बनाई गई है। टीम द्वारा जंगल में बाघिन की तलाश में खाक छानी जा रही है।
18 सितम्बर के बाद कैमरे में कैद नहीं हुई बाघिन
सूत्रों के अनुसार अंतिम बाद बाघिन टी-138 आखिरी बार 18 सितम्बर को मिर्जाघाटी वन क्षेत्र में लगाए गए वन विभाग के फोटो टै्रप कैमरों में कैद हुई थी। इसके बाद से अब तक बाघिन एक बार फिर भी वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद नहीं हुई है। वहीं सूत्रों की माने तो शुक्रवार शाम को वन विभाग के सीसीएफ ने भी रणथम्भौर की आरओपीटी रेंज का दौरा किया था और अधिकारियों व कार्मिकों को टे्रकिंग व मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए थे।
सुल्ताना की शावक है टी-138
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बाघिन टी-138 की उम्र करीब दो साल है। यह सुल्ताना के पहले लिटर की संतान है। इस बाघिन का मूवमेंट रणथम्भौर की आरोपीटी रेंज के मिर्जाघाटी आदि वन क्षेत्र में रहता था। जानकारी के अनुसार बाघ टी-138 दो माह से वन विभाग को नजर नहीं आ रहा है। वहीं टी-138 के भाई टी-139 का मूवमेंट वर्तमान में रणथम्भौर के जोन आठ में बना हुआ है।
नॉन पर्यटन क्षेत्र में रहता था मूवमेंट
बाघ टी-138 का जन्म तो अमरेश्वर वन क्षेत्र में हुआ था लेकिन वर्तमान में बाघ का मूवमेंट मां से अलग होने के बाद आरओपीटी रेंज के मिर्जाघाटी वन क्षेत्र में रहता था यह रणथम्भौर का नॉन पर्यटन क्षेत्र है। गौरतलब है कि पूर्व में वन विभाग की ओर से यहां पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए वन विभाग की चौकी भी बनाई गई थी। लेकिन इसके बाद भी शहर की सीमा से सटे होने के कारण इस वन क्षेत्र में अवैध गतिविधियोंं के संचालन पर अब तक पूरी तरह लगाम नहीं लग सकी है।
इनका कहना है…
बाघिन टी-138 युवा बाघिन है। ऐसे में बाघिन फिलहाल अपनी टेरेटरी बना रही है। ऐसे में बाघिन के टेरेटरी की तलाश में अभयारण्य के दूसरे इलाकों में भी जाने की संभावना है। विभाग की ओर से कैमरा टै्रप आदि माध्यम से बाघिन की टे्रकिंग करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
– सेडृराम यादव, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो