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…तो निजी बोरिंगों को अधिग्रहण क्यों नहीं

...तो निजी बोरिंगों को अधिग्रहण क्यों नहीं

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कलक्टर को ज्ञापन सौंपते लोग।

सवाईमाधोपुर. कलक्ट्रेट में जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपते लोग।

सवाईमाधोपुर. जलदाय विभाग की ओर से पेयजल संकट को दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसे में जनता बूंद- बूंद पानी को तरस रही है। यही नहीं पेयजल आपूर्ति के संबंध में दिए गए राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष के आदेश भी बेअसर हो गए हैं। गत वर्ष सवाईमाधोपुर दौरे पर आए राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष देव राजन ने कलक्ट्रेट में बैठक के दौरान पेयजल संकट से निजात दिलाने व लोगों को पर्याप्त जलापूर्ति कराने के लिए जलदाय व भूजल विभाग को निजी बोरिंगों का अधिग्रहण करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


धड़ल्ले से खुद रही बोरिंग: जिले के बौंली, चौथ का बरवाड़ा आदि सभी छह ब्लॉकों को गिरते जल स्तर के चलते भूजल विभाग ने डार्क जोन घोषित किया है। केन्द्रीय भूमिगत जल बोर्ड के नियमानुसार डार्क जोन में कृषि कार्य के लिए कोई नल कूप या बोरिंग नहीं खोदी जा सकती है। डार्क जोन में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए ही बोरिंग खोदी जा सकती है, लेकिन इसके लिए भी जिला कलक्टर की लिखित अनुमति की आवश्यकता होती है, लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलत यहां बिना अनुमति के ही बोरिंग कराई जा रही है।


ये दिए थे निर्देश : अध्यक्ष ने भूजल व जलदाय विभाग को गली मोहल्लों में हो रही निजी बोरिंगों का अधिग्रहण करने व उक्त बोरिंगों से संबंधित मोहल्ले में जलापूर्ति कराने के निर्देश दिए थे। बोरिंग सीज करने को भी कहा था।


पेयजल की मांग को लेकर प्रदर्शंन
सवाईमाधोपुर. आवासन मण्डल में पेयजल संकट के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। यहां गत तीन माह से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है। कॉलोनी में लगे हैण्डपंप जबाव दे रहे हैं। ऐसे में हालात और भी विकट होते जा रहे हैं। रविवार को पेयजल संकट के त्रस्त कॉलोनी के सेक्टर दो के बाशिंदे कलक्ट्रेट पहुंचे और जलापूर्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद लोगों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर जलापूर्ति कराने की मांग की। लोगों ने जल्द ही समस्या का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। इस दौरान मनीष पाराशर, अवतार सिंहइ आदि थे। पूर्व में किया था घेराव : पूर्व में पेयजल की मांग को लेकर लोगों ने जलदाय विभाग के अधिकारियों का घेराव किया था। तब जलापूर्ति सही हो गई थी। अब विभाग के कर्मचारियों ने वॉल्व को हटा लिया है। ऐसे में अब ऊंचाई पर स्थित घरों में जलापूर्ति नहीं हो रही है।


बिना अनुमति के बोरिंग या ट्यूबवैल लगाना गलत है। इस संबंध में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। आदेशों के बारे में मुझे जानकारी नहीं है।
आशुतोष श्रीवास्तव, भूजल वैज्ञानिक, सवाईमाधोपुर।

सड़क पर लड़ रहे पानी की लड़ाई
सवाईमाधोपुर. शहरी आबादी का गला तर करने वाले माधोसिंह पुरा के ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। यहां पर लगे पुराने ट्यूबवेल भूजल स्तर गिरने के कारण सूख गए हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। लोगों ने कई बार पेयजल समस्या से जलदाय विभाग को अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के कारण गुस्साए लोगों ने रविवार को शिल्पग्राम के पास रणथम्भौर रोड पर जाम लगा दिया। इससे मार्ग के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। वाहन चालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। बाद में सूचना पर पहुंचे पुलिस बल व जलदाय विभाग के अधिकारियों ने लोगों की समझाइश की और जाम खुलवाया। गौरतलब है कि पूर्व में पेयजल की मांग को लेकर महिलाओं ने रोड पर जाम लगाया था। उस समय भी जलदाय विभाग के अधिकारियों के आश्वासन देने के बाद महिलाएं शांत हो गई थीं। पूर्व में जलदाय विभाग की ओर से ट्यूबवैल खोदने गई बोरिंग मशीन को भी लोगों ने वापस लौटा दिया था।