
बेंगलूरु स्थित स्टार्टअप स्पेसफील्ड्स ने अपने एयरोस्पाइक रॉकेट इंजन की सफल हॉट-फायरिंग की घोषणा की है।
168-मिमी रॉकेट मोटर के लिए स्टेटिक-टेस्ट अभियान चित्रदुर्ग जिले के चल्लकेरे में भारतीय विज्ञान संस्थान (भाविसं) परिसर में स्पेसफील्ड्स की प्रणोदन परीक्षण सुविधा में आयोजित किया गया था। कंपनी ने इसे भारत का पहला एयरोस्पाइक इंजन कहा है। इसका सफल परीक्षण पारंपरिक बेल-नोजल इंजन द्वारा प्रदान की जाने वाली दक्षता को बढ़ाने के प्रयासों को पूरक बना सकता है।
भाविसं-इनक्यूबेटेड स्टार्टअप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपूर्वा मासूक ने बताया कि एयरोस्पाइक नोजल को ऊंचाई के हिसाब से डिजाइन किया गया है। ये इंजन को दबाव की विभिन्न स्थितियों में इष्टतम दक्षता प्राप्त करने में सक्षम बनाते हैं। एयरोस्पाइक इंजन कक्षा में समान द्रव्यमान लाने के लिए स्टेजिंग और ईंधन की मात्रा को कम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, उच्च ऊंचाई पर, एयरोस्पाइक नोजल इंजन के निकास को एक बड़े प्रभावी नोजल क्षेत्र अनुपात में विस्तारित करने में सक्षम है और इसलिए, थ्रस्ट और विशिष्ट आवेग को बढ़ा सकता है। एयरोस्पाइक्स एकल-चरण से कक्षा (एसएसटीओ) रॉकेट में संभावित अनुप्रयोगों के साथ आते हैं, जो केवल एक इंजन का उपयोग करते हैं।स्टैटिक-फायर टेस्ट के लिए, स्पेसफील्ड्स ने एचटीपीबी-आधारित कम्पोजिट प्रणोदक का इस्तेमाल किया। 11 बार का अधिकतम दर्ज दबाव और 2000 एन का पीक थ्रस्ट हासिल किया गया और 54485.9 एन का कुल आवेग उत्पन्न हुआ।
Published on:
12 Sept 2024 08:49 pm
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