
नई दिल्ली। पहाड़ों पर चलने वाले बर्फीले तूफान बहुत खतरनाक होते हैं। ये इंसानों से लेकर जानवरों तक सबको अपनी चपेट में ले लेते हैं। ऐसे ही तूफानी लहरों (avalanche) के बीच एक कुत्ते का बच्चा (dog burried)फंस गया था जिसकी बर्फ में दबने से मौत हो गई थी। मगर हैरानी की बात यह है कि 18 हजार साल बाद बर्फ के हटने पर कुत्ते की लाश बरामद की गई है और वो पूरी तरह से सही अवस्था में है।
रूसी वैज्ञानिकों के मुताबिक हिमयुग में मोटी बर्फ के नीचे दबने पर कुत्ते के बच्चे का अवशेष इतने लंबे साल तक भी सुरक्षित है। इस प्रक्रिया को पर्माफ्रॉस्ट कंडीशन कहते हैं। कुत्ते के मिले अवशेष पर स्वीडन के वैज्ञानिक भी रिसर्च कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक जब कोई जीव-जंतु दो साल से ज्यादा समय के लिए जीरो डिग्री तापमान से नीचे रहता है तो उसे परमाफ्रॉस्ट कहते हैं।
अवशेष का पता साइबेरिया के याकुत्सक में बर्फ हटने पर चला। ये जीव बहुत प्यारा है। इसके बाल, दांत और नाक पूरी तरह से सुरक्षित हैं। रूसी वैज्ञानिकों ने जब डीएनए टेस्ट के जरिए इसकी कार्बन डेटिंग कराई तो पता चला कि यह करीब 18 हजार साल से बर्फ के नीचे दबा है। मगर अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह कुत्ते का बच्चा है या भेड़िये का है। वैज्ञानिक मानते हैं कि वर्तमान कुत्ते भेड़ियों की ही एक प्रजाति है। इनका जैविक इतिहास 20 से 40 हजार साल पुराना है।
Published on:
28 Nov 2019 03:43 pm
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