
Unique Bacteria Discovered
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने अभी तक कई तरह के बैक्टीरिया पर शोध किए हैं। ये इंसान के शरीर से लेकर सड़ी-गली (Rotten) चीजों तक हर चीज में पाए जाते हैं। कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। तो वहीं कुछ बेहद घातक। हाल ही में शोधकर्ताओं ने एक नए और अनोखे तरीके के बैक्टीरिया की खोज की है। दिखने में बेहद छोटी लगने वाली ये चीज बड़े से धातु (Eat Metal) को भी खा सकते हैं, इस बात पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल होगा, लेकिन ये सच है। रिसर्च में ये बात सामने आई है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसे बैक्टीरिया (Found Bacteria) की खोज की है, जो धातु खाता है। हालांकि अभी उन्होंने इसे कोई नाम नहीं दिया है।
इस पर शोध कैलीफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में माइक्रोबायोलॉजी के विशेषज्ञों ने की है। बैक्टीरयल कैमोलिथोऑटोट्रॉफी वाया मैंगनीज ऑक्सीडेशन शीर्षक से नेचर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पहला ऐसा बैक्टीरिया है जो अपने ईंधन के लिए मैंगनीज खाता है। जब यह बैक्टीरिया धातु के संपर्क में आता है तो वह उसे प्रोटोन देने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में ऑक्सीकरण होता है जिससे मैंगनीज ऑक्साइड का निर्माण होता है। यह बैक्टीरिया मैंगनीज का उपयोग कैमोसिंथेसिस के लिए करते हैं। यह कार्बन डाइऑक्साइड को बायोमास में बदलने की प्रक्रिया है।
धातु खाने वाले इस बैक्टीरिया की खोज से जुड़ा किस्सा भी काफी दिलचस्प है। बताया जाता है कि डॉ जैरेड ने एक ग्लास जार एक नल के पानी से भीगे पदार्थ से ढककर अपने ऑफिस के सिंक में छोड़ दिया था। यह जार कई महीनों तक वैसा ही पड़ा रहा। जब वे लौटे तो उन्होंने देखा कि जार पर एक गहरे रंग के पदार्थ की परत चढ़ गई है। ये एक काई की परत जैसी थी। उन्होंने माइक्रोस्कोप से इसकी जांच की तो एक नए तरह का बैक्टीरिया सामने आया। डॉ जैरेड ने बताया कि यह परत ऑक्सीकृत मैंगनीज है जो एक नए बैक्टीरिया की वजह से बनी है जो नल के पानी में मिल सकता है।
खोजकर्ता का मानना है कि ये इकलौता बैक्टीरिया नहीं हैं जो धातु खाता है। इससे पहले भी कुछ ऐसे मिलते-जुलते बैक्टीरिया मिले हैं जो जमीन के नीचे पानी में रहते हैं। ऐसे में नए बैक्टीरिया की मदद से उनके बारे में जानने में आसानी होगी। इतना ही नहीं इस अध्ययन से उन्हें जमीन के अंदर के पानी के बारे बेहतर जानकारी मिल सकेगी। साथ ही वे उन सिस्टम को समझ सकेंगे जो मैंगनीज ऑक्साइड के कारण बंद या चोक हो जाते हैं।
Published on:
18 Jul 2020 11:58 am
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