24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नई तकनीक से बने किट की आड़ में दुश्मन को नहीं दिखाई देंगे सैनिक, आंखों से हो जाएंगे ओझल

- थर्मल इमेजिंग तकनीक अदृश्य इन्फ्रारेड (उत्सर्जित विकिरण) के माध्यम से किसी वस्तु को देखने योग्य बनाती है। यानी जब कोई ऑब्जेक्ट ऊष्मा विकीर्ण करता है, तो थर्मल इमेजर से उसकी छवि नजर आती है। इसमें ऊष्मा के सापेक्ष स्तरों के आधार पर आकृति नजर आती है।

2 min read
Google source verification
नई तकनीक से बने किट की आड़ में दुश्मन को नहीं दिखाई देंगे सैनिक, आंखों से हो जाएंगे ओझल

नई तकनीक से बने किट की आड़ में दुश्मन को नहीं दिखाई देंगे सैनिक, आंखों से हो जाएंगे ओझल

सीमा विवाद, बाहरी खतरे और युद्ध जैसे हालातों को ध्यान में रखते हुए कई देश हथियार और दूसरे सैन्य साजो-सामान को अत्याधुनिक बना रहे हैं। इस मामले में इजराइल का उल्लेख जरूरी है। हाल ही इजराइली रक्षा मंत्रालय के सहयोग से पोलारिस सॉल्यूशंस ने थर्मल छद्म शीट तकनीक से निर्मित किट ३०० को पेश किया है। यह शीट, थर्मल विजुअल कंसीलर (टीवीसी) सामग्री से बनी होती है, जिससे सैनिकों को डिटेक्ट करना लगभग नामुमकिन है। इस किट को बनाने में माइक्रोफाइबर, धातु और पॉलिमर के मिश्रण का प्रयोग किया जाता है, ताकि थर्मल इमेजिंग कैमरा भी इसे न पकड़ पाए।

शीतयुद्ध में था स्मोक स्क्रीन-
शीतयुद्ध के दौरान अमरीकी सेना स्मोक स्क्रीन के जरिए दुश्मन के टैंकों को गच्चा देती थी, लेकिन यह तकनीक सही नहीं मानी जाती, क्योंकि जो वस्तुएं ऊष्मा विकीर्ण नहीं करतीं, वे थर्मल इमेजर में दिखाई नहीं देती और यह तकनीक ऊष्मा के स्तर पर काम करती है।

स्ट्रेचर भी बन जाए-
घना जंगल हो या रेगिस्तानी इलाका, किट उसी के अनुरूप ढाला जा सकता है। पोलारिस, मांग और आवश्यकतानुसार इसके पैटर्न और रंगों को बदल सकती है। जलरोधक होने के साथ ही इसके आकार को दोगुना कर शेल्टर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। वजन में यह किट अपेक्षाकृत हल्का है और मजबूत इतना कि थ्रीडी शेप में आसानी से ढाला जा सके। इतना ही नहीं, इसे स्ट्रेचर में भी बदला जा सकता है।

थर्मल इमेजर के लिए जरूरी है ऊष्मा-
आधुनिक नाइट विजन उपकरणों को शक्तिशाली बनाने के लिए थर्मल इमेजर का उपयोग किया जाता है। पुराने नाइट विजन तकनीक में जहां प्रकाश के स्रोत की आवश्यकता होती थी, वहीं इस आधुनिक तकनीक में व्यक्ति या वस्तु से निकलने वाली ऊष्मा जरूरी है। यानी थर्मल इमेजर इन्फ्रारेड सर्च लाइट और स्मोक स्क्रीन के बिना इंसानों और बख्तरबंद वाहनों, यहां तक कि चांदनी रातों में उडऩे वाले विमानों का भी पता लगा सकते हैं।