
चीनी मोबाइल फोन से जासूसी का शक, जांच करेगी सरकार, बनेंगे नए नियम
नई दिल्ली। चीनी मोबाइल कितने सुरक्षित हैं? कहीं चीन अपनी मोबाइल कंपनियों के जरिए जासूसी तो नहीं कर रहा है? इस शंका के बाद भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी स्मार्टफोन ब्रांड वीवो, ओप्पो, शाओमी व वनप्लस को नोटिस भेजा है। नोटिस के बाद इन कंपनियों में हड़कंप मच गया है। दूसरी ओर सरकार राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन व अन्य सरकारी निकायों के साथ मिलकर नया नियम लाने की तैयारी में है। इसके तहत कोई चीनी मोबाइल बिना जांच सर्टिफिकेट के नहीं बेचा जा सकेगा।
पार्ट्स के मैन्युफक्चरर की भी देनी होगी जानकारी... रिपोर्ट के अनुसार स्मार्टफोन की गहनता से जांच के लिए सभी पार्ट्स, प्री इंस्टॉल ऐप्स के बारे में जानकारी देनी होगी। बिना इसके कोई भी चाइनीज कंपनी बाजार में मोबाइल की बिक्री नहीं कर सकेगी। सरकार ने यह कदम चीन की बड़ी कंपनियों जैसे हुवावे व जेडटीई को टेलिकॉम नेटवर्किंग के संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रखने के लिए उठाया है।
रिसर्च में भी हो चुकी है पुष्टि... हाल ही डबलिन के ट्रिनिटी कॉलेज में हुए एक शोध के अनुसार एंड्रॉइड मोबाइल फोन में प्री इंस्टॉल ऐप्स से डाटा थर्ड पार्टी को शेयर होने की पुष्टि हुई थी। भले ही आप उस प्री इंस्टॉल ऐप का प्रयोग न करते हों। कुछ प्री ऐप्स रोकन के बाद भी लगातार डेटा ट्रांसफर करते रहते हैं। इसमें इमेज, वीडियो, लोकेशन आदि शामिल हैं। यह रिसर्च शोओमी, हुआवेई, रीयलमी, ओप्पो व सैमसंग कंपनी के सेटों पर रिसर्च की गई थी।
ये जानकारी अनिवार्य -
चीनी कंपनियों को देनी होगी सोर्स कोड की जानकारी।
हैंडसेट टेस्टिंग के सोर्स कोड को भी शेयर करना होगा।
पार्ट्स के वेंडर्स व कंपनी की पूरी जानकारी देनी होगी ।
पार्ट्स की संरचना व उसकी एक्टिविटी की भी जानकारी देनी होगी ।
प्री-इंस्टॉल्ड ऐप व थर्ड पार्टी के बारे में बताना होगा ।
मोबाइल में...
विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी
28% -शाओमी, चीन
18% -सैमसंग, सा. कोरिया
14% -अन्य
10% -ओप्पो,चीन
15% -रीयल मी,चीन
15% - वीवो, चीन
(क्वार्टरली डिवाइस ट्रैकर की वित्तवर्ष 2021—22 की रिपोर्ट)
Published on:
19 Oct 2021 01:42 pm
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