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जानिए आखिर 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

- Saal Ka Sabse Bada Din 21 जून को सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं।- 21 जून को सूर्य, पृथ्वी के नॉर्थ पोल मतलब उत्तरी गोलार्द्ध पर होता है।

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जानिए आखिर 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

जानिए आखिर 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे बड़ा दिन और सबसे छोटी रात

देश में 21 जून 21st June को साल का सबसे बड़ा दिन longest day होता है। 21 जून को साल के सबसे बड़े दिन Saal Ka Sabse Bada Din के साथ ही साल की सबसे छोटी रात भी होती है। इस तारीख को सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक पृथ्वी पर पड़ती हैं। सूरज की किरणें पृथ्वी पर लगभग 15 से 16 घंटे तक रहती हैं। इसलिए इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन कहते हैं। इसे सोल्सटाइस भी कहते हैं। इसका अर्थ है सूरज अभी भी खड़ा है। लेकिन ऐसा होता क्यों है? इसके वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझते हैं।

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बड़ा दिन होने का कारण -
21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होने के पीछे कारण ये है कि 21 जून को सूर्य, पृथ्वी के नॉर्थ पोल मतलब उत्तरी गोलार्द्ध पर होता है इस कारण सूर्य की रोशनी भारत के बीचों-बीच गुजरने वाली कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है इस दिन सूर्य की किरणें अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा समय तक धरती पर रहती हैं। इसी कारण से इस दिन को साल का सबसे बड़ा दिन और रात छोटी होती है। इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध में मौजूद सभी देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। वैसे अभी तक एक बार 1975 में 22 जून को साल का सबसे बड़ा दिन था। अब ऐसा 2203 में होगा।

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परछाई छोड़ देती है साथ -
खास बात यह है कि इस दिन ऐसा पल ऐसा भी आता है जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है। 21 जून के दिन सूरज बहुत ऊंचाई पर होता है। इस दिन से रात लंबी होने लगती हैं। 21 सितंबर आते-आते दिन व रात एक बराबर हो जाते हैं। इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने का सिलसिला बढ़ने लगता है। यह प्रक्रिया 23 दिसंबर तक होती है।