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नदी भरने रामपुरा जलाशय से छोड़ा 2.25 एमसीएम पानी

दो सप्ताह में फिर से लबालब हो जाएगी पार्वती नदी

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दो सप्ताह में फिर से लबालब हो जाएगी पार्वती नदी

नदी भरने रामपुरा जलाशय से छोड़ा 2.25 एमसीएम पानी

सीहोर. आष्टा शहर की जलापूर्ति करने वाली खाली हुई पार्वती नदी को भरने रामपुरा जलाशय से पानी छोड़ दिया है। दो सप्ताह के अंदर नदी फिर से लबालब हो जाएगी। जलाशय का पानी पहुंचने से पहले आष्टा पार्वती बैराज के गेट (शटर) की मरम्मत कर लगाने का काम तेज हो गया है। बैराज में कई गेट लग गए और दो से तीन दिन में काम पूरा हो जाएगा। इस साल अच्छी बारिश होने के बाद भी पार्वती नदी के पानी ने फरवरी महीने की शुरूआत में जवाब दे दिया था। शंकर मंदिर तट स्थित पार्वती बैराज के पास इस समय नदी सूखकर मैदान में बदल गई है। नदी को वापस भरने आष्टा नगर पालिका ने ङ्क्षसचाई (जल संसाधन) विभाग से बात की। नपा ने ङ्क्षसचाई विभाग को पांच लाख रुपए की डीडी देकर रामपुरा जलाशय से 2.25 एमसीएम (मिलियन क्यूबीक मीटर) पानी छुड़वाया है। इस पानी को पार्वती बैराज तक पहुंचने में करीब दो सप्ताह का समय लगेगा।

खाली हो गई नदी
पिछले साल औसत से अधिक बारिश होने और दूसरा बैराज के समय पर गेट लगने से पार्वती नदी में भरपूर पानी था। इस पानी से नदी के आसपास के कई किसानों ने पहले पलेवा और बाद में ङ्क्षसचाई कर ली। कहने को नगर पालिका ने पानी चोरी रोकने टीम बनाई थी, लेकिन यह टीम कहने मात्र की रह गई। इस वजह से नदी समय से पहले खाली हो गई। अब वापस रामपुरा जलाशय के पानी से नदी भर जाएगी। अब फिर से नपा के सामने इस पानी को चोरी होने से रोकना एक बड़ी चुनौती बनेगा। नपा ने समय रहते गंभीरता नहीं दिखाई तो आगामी दिनों में दोबारा रामपुरा जलाशय से पानी छुड़वाने की नौबत आ सकती है।

गांवों में बढ़ रहा संकट
फरवरी महीने का अभी तीसरा सप्ताह चल रहा है, उसी में ग्रामीण क्षेत्रों में जलसंकट गहराने लगा है। कई जलस्त्रोत (ट््यूबवेल, हैंडपंप, कुएं) का जलस्तर पाताल में पहुंच गया है। इससे कई ट््यूबवेल, हैंडपंप रुक-रुक कर पानी दे रहे हैं, तो कई ने पूरी तरह से जवाब दे दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तो गर्मी के मौसम ने दस्तक भी नहीं दी है उससे पहले ही यह हाल बन गए, तो आगामी दिनों में क्या होगा समझ नहीं आ रहा है। हर साल गांवों में पानी की समस्या उत्पन्न होने से लोगों को दूर दराज से लाकर काम चलाना पड़ता है। &आष्टा नगर पालिका की डिमांड मिलने पर रामपुरा जलाशय से पार्वती नदी को भरने के लिए 2.25 एमसीएम पानी छोड़ गया है। नपा ने पानी छुड़वाने के एवज में पांच लाख रुपए की डीडी दी है।
-एमके शर्मा, एसडीओ ङ्क्षसचाई विभाग आष्टा।

4.25 एमसीएम पानी रहता है पानी रिजर्व
ङ्क्षसचाई विभाग के अधीन रामपुरा जलाशय के पानी से आसपास के करीब 20 गांव के किसान 1700 हेक्टेयर जमीन में ङ्क्षसचाई करते हैं। ङ्क्षसचाई विभाग किसानों को जलापूर्ति करने के बाद भी जलाशय में आष्टा शहर की पानी पूर्ति करने 4.25 एमसीएम पानी रिजर्व रखता है। भले ही किसानों को पानी नहीं मिले, लेकिन आष्टा के लिए पानी जरूर रखा जाता है।