
धान फसल
सीहोर. जिले में चौरतफा परेशानी से घिरे अन्नदाता की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। पहले सोयाबीन को पीला मोजेक, उकटा रोग ने जकड़ा और अब धान फसल में ब्लास्ट (झोका) रोग लग गया है। ब्लास्ट रोग से धान फसल की पत्ती झुलसने जैसी होकर अपने आप सूखकर खराब हो रही है। यह अभी शुरूआती दौर है और किसानों ने कीटनाशक दवा का छिडक़ाव नहीं किया तो धान फसल को ज्यादा नुकसान होगा।
कृषि विभाग की तरफ से बनाए गए कृषि अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक केंद्र सेवनिया के वैज्ञानिकों के दल ने संयुक्त रूप से खटपुरा, अकोला, पहाडख़ेड़ी, शाहगंज, परसवाड़ा, रमपुरा, हथलेवा गांव पहुंचकर धान फसल का देखा तो दंग रह गए। जो धान फसल कुछ दिन पहले अच्छी थी उसमें ब्लास्ट रोग दिखाई देने के साथ ही तना छेदक, हरा फूदका, भूरा फूदका कीटों का प्रकोप देखने को मिला। इन रोग से धान फसल खराब होने का सबसे अधिक खतरा रहता है। टीम ने किसानों को मौके पर ही धान फसल को कैसे बचाकर सुरक्षित करें उसकी जानकारी दी गई।
धान में कीट प्रकोप होने पर इन दवाओं का करें छिडक़ाव
कृषि वैज्ञानिक दीपक कुशवाह ने बताया कि धान फसल में कीट प्रकोप होने पर किसान वीटासायफ्लूथ्रीन 8.49 प्रतिशत,इमीडाक्लोरोपीड 19.8 या फिर थयोमिथाक्जोन 12.6 प्रतिशत,लेम्डासाइलोथ्रीन 9.5 प्रतिशत,जेडसी 80 एमएल का 150 से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडक़ाव कर सकते हैं। ब्लास्ट रोगसे फसल बचान कीटनाशक दवा के साथ फफूंदनाशक दवा ट्राइसाइकानाजोल 75 प्रतिशत,डब्ल्यूपी 120 ग्राम का घोल बनाकर छिडक़ाव कर सकते हैं।
Published on:
06 Sept 2022 09:53 am
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