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टूटी बाउंड्रीवाल तो कहीं खराब डे्रनेज सिस्टम सीजन की बंपर आवक में किसानों का लेगा इम्तिहान

मंडी में ड्रेनेज सिस्टम खराब तो कहीं टूटी पड़ी है बाउंड्रीवाल

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सीहोर

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Anil Kumar

Feb 11, 2020

कृषि उपज मंडी

कृषि उपज मंडी

सीहोर. जिले की कृषि उपज मंडियों में रबी सीजन की आमद शुरू हो गई है, उसके बावजूद इनमें बने समस्या के ढर्रे में कोई सुधार नहीं आया है। जिससे टूटी बाउंड्रीवाल की मम्मत नहीं होने के साथ खराब ड्रेनेज सिस्टम, अतिक्रमण फिर से बंपर आवक होने पर इन मंडियों में उपज बेचने आने वाले किसानों का इम्तिहान लेगा। बावजूद इसके प्रबंधन अनदेखी कर रहा है।

जिले में 8 कृषि उपज मंडी है। इनमें सीहोर, आष्टा, इछावर, नसरूल्लागंज, श्यामपुर, रेहटी, जावर, बकतरा है। सीहोर और आष्टा कृषि उपज मंडी में खरीफ और रबी सीजन में जोरदार आवक होने से इनका नाम ए ग्रेड में लिया जाता है। उसके बावजूद इनमें उपज बेचने आने वाले किसानों को सिवाय तकलीफ नसीब होती है। इसी प्रकार की अन्य मंडी और उपमंडियों में हाल बने हुए हैं। ऐसे में जल्द ही इनमें सुधार नहीं आया तो आगामी दिनों में किसानों की दिक्कत ज्यादा बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि आष्टा मंडी में नए सीजन की आवक शुरू हो गई है। कुछ दिन बाद अन्य मंडियों में आवक बढ़ते ही फिर से समस्या बढ़ेगी।
जिले की इन तीन मंडियों से जाने क्या है हाल-
केस01: बारिश में टूटी बाउंड्रीवाल की नहीं हुई मरम्मत
सीहोर कृषि उपज मंडी में आसपास के 150 गांव के किसान रबी और खरीफ सीजन में उपज बेचने आते हैं। पिछले साल अतिवृष्टि से मंडी के एक तरफ की दीवार टूटकर गिर गई थी, जिसकी आज तक मरम्मत नहीं हुई है। इससे आवारा मवेशी मंडी में पहुंचकर किसान और व्यापारियों के लिए मुसीबत का कारण बने हुए हैं। इसके अलावा निगरानी करने लगाए गए सीसीटीवी कैमरों में से कई काम नहीं कर रहे हैं। उनको तक ठीक नहीं किया जा रहा है।
केस02: ए ग्रेड की मंडी बदहाली से जूझ रही
आष्टा कृषि उपज मंडी को ए ग्रेड का दर्जा मिलने के बावजूद यह बदहाली की मार झेल रही है। मंडी में क्या हाल है उसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि खराब ड्रेनेज सिस्टम के चलते नालियों का गंदा पानी मुख्य मार्ग पर आकर बह रहा है। वहीं परिसर की खाली जगह में कई व्यापारियों ने अतिक्रमण कर लिया है। जिससे सीजन में आवक बढऩे के दौरान किसानों को ट्रैक्टर-ट्रालियों को निकालने तक की जगह नहीं मिलती है। मंडी सीहोर जिले के साथ शाजापुर, देवास जिले के किसान आते हैं।
केस03: व्यापारी नहीं मिलने से 20 साल से शोपीस बनी उपमंडी
मैना गांव को करीब 25 साल पहले उपमंडी की सौगात मिली थी। इस उपमंडी में कुछ साल ही किसान उपज बेच पाएं। उसके बाद इस मंडी को लाइसेंसधारी व्यापारी नहीं मिलने से शोपीस बनकर रह गई है। जिससे आसपास के 12 से अधिक गांव के किसानों को 20 किमी दूर आष्टा या फिर शुजालपुर मंडी में उपज बेचना पड़ती है। इससे उनको परेशानी उठने के साथ अतिरिक्त भार आ गया है। इस साल भी मंडी को चालू करने कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
फैक्ट फाइल
जिले में मंडी- 08
उपमंडी- 14
लाइसेंसधारी व्यापारी- 650
सीजन में कितनी होती आवक- दो लाख क्विंटल
व्यवस्था की जा रही है
मंडियों में सभी व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। जहां तक सीहोर कृषि उपज मंडी की बात है तो उसमें टूटी बाउंड्रीवाल को बनाने स्टीमेट बनाकर मंडी बोर्ड को भेजा गया है।
विरेेंद्र आर्य, नोडल अधिकारी व मंडी सचिव सीहोर