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रिजल्ट देख खुशी से झूम उठे बच्चे

सेंट्रल स्कूल की छात्रा जया आसुदानी ने स्कूल में सबसे अधिक ९५.6 प्रतिशत अंक पाकर किया प्रथम स्थान प्राप्त, मनाई खुशियां

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Sehore. In the Central School, Jaya asudani and the top students sweetened sweetly by feeding sweet. Happy celebrations like this when coming to the top

सीबीएसई 10 वीं का परीक्षा परिणाम
सीहोर. सीबीएसई १० वीं का परीक्षा परिणाम घोषित होते ही छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई। जैसे ही बच्चों ने सुना कि मंगलवार को रिजल्ट आने वाला था, उनके दिलों की धडक़नें बढ़ गई थी। जिले के सेंट्रल स्कूल में जया आसुदानी ने सबसे अधिक ९५.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्कूल में सबसे ज्यादा ४७८ अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया।

मंगलवार को सीबीएसई ने रिजल्ट जारी किया वैसे ही मोबाइल, सायबर कैफे, कम्प्यूटर सेंटरों में बच्चों की भीड़ लग गई और परिणाम जानने बच्चे उत्सुक नजर आए। इतना ही नहीं बच्चों ने मंदिरों में जाकर प्रसाद चढ़ाया और अपने शिक्षकों व माता पिता का आशीर्वाद प्राप्त किया। अच्छे रिजल्ट की वजह से शिक्षकों, स्कूल संचालकों व छात्र-छात्राओं में खुशी का माहौल है।

लड़कियों का प्रदर्शन लडक़ों से बेहतर रहा
सीबीएसई दसवीं के नतीजों में लड़कियों का प्रदर्शन लडक़ों से बेहतर रहा है। सेन्ट्रल स्कूल में ७३ में ७० पास पास हुए हैं, वहीं तीन बच्चों को सप्लीमेंट्री मिली है। स्कूल प्राचार्य जयश्री गुप्ता ने बताया कि हायर सेकंडरी की तरह ही हाईस्कूल परीक्षा में विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन दोहराया है।

सेंट्रल स्कूल सीबीएसई परीक्षा परिणाम में जया आसुदानी ने ५०० में से ४७८ अंक प्राप्त कर ९५.6 प्रतिशत के साथ स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रतीक श्रीवास्तव ४६६ अंक प्राप्त कर द्वितीय, आयुषी कोस्टा ने ४६५ अंक प्राप्त कर तृतीय, कृष्णा कौशल ने ४६१ अंक प्राप्त कर चतुर्थ स्थान प्राप्त किया है। जया सीहोर पत्रिका के एजेंसी संचालक नरेश आसुदानी की पुत्री हैं।

बैंकिंग क्षेत्र में जाकर सीए बनने का सपना
सेंट्रल स्कूल में तीसरे स्थान लाने वाली बेटी कृष्णा कौशल ने बताया कि इस स्थान पर आने के लिए हमेशा परिवार ने प्रोत्साहित किया। वहीं इस मुकाम का श्रेय अपने पिता विजय कौशल को दिया। कृष्णा काबैंकिंग क्षेत्र में जाकर सीए बनने का सपना है। उसने कहा कि पढ़ाई का लक्ष्य मानकर माता पिता और शिक्षकों हमेशा प्रेरणा ली। यही वजह है कि आज इस मुकाम तक पहुंची।