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मानव जीवन का अंतिम लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति है: शिवराज

- सीहोर के बकतरा में श्री सीताराम महायज्ञ में पहुंचे मुख्यमंत्री ने एक करोड़ से सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा

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सीहोर। मानव जीवन में परमात्मा की प्राप्ति के लिए ऋषि मुनियों ने तीन मार्ग ज्ञान, भक्ति और कर्म बताए हैं। तीनों मार्ग पर चलकर भगवान को प्राप्त किया जा सकता है। संत ज्ञान मार्ग से ईश्वर को प्राप्त करते हैं, मीराबाई और हनुमान की तरह ही भक्ति मार्ग से भी भगवान की प्राप्ति की जा सकती है। साथ ही हम अपने जीवन में सही रास्ते पर चलकर कर्म करते हुए भी कर्म मार्ग से भी ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। हम सभी को कर्म मार्ग पर चलने की कोशिश करना चाहिए।

यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के बुधनी (बकतरा) में चल रहे श्री सीताराम महायज्ञ में कही। महायज्ञ में शामिल हुए शिवराज ने संतों का आशीर्वाद लिया और बकतरा में एक करोड़ रुपए की लागत से सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि भगवान ने जो काम अपने लिए निश्चित कर दिया है उसको मेहनत और ईमानदारी से करेंगे तो भगवान को प्राप्त करना आसान होगा। यदि किसान पूरी मेहनत और लगन से खेती करके फसल उगाए, डॉक्टर निस्वार्थ भाव से मरीजों का इलाज करें और शिक्षक ईमानदारी से बच्चों को शिक्षा प्रदान करेंगे तो कर्म के मार्ग पर चलते हुए ईश्वर की प्राप्ति की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना पर जोर देते हुए कहा कि योजना से बहनें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों को खुद ही पूरा कर सकती हैं। सभी महिलाओं के पंजीयन का कार्य सुनिश्चित किया है। 10 जून से पात्र महिलाओं के खातों में प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि योजना के तहत डाली जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी किसानों से मूंग की खरीदी सरकार द्वारा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जानकी मंदिर में पूजा-अर्चना कर नागरिकों की सुख-समृद्धि की कामना की।