
Collector Balaguru K. expressed great displeasure at the up-down officers- image x
MP News- मध्यप्रदेश में अधिकारियों, कर्मचारियों को हर हाल में मुख्यालय पर ही निवास करने पर जोर दिया जा रहा है। अप डाउन करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है। तीन दिन पहले भोपाल में स्वास्थ्य विभाग में मुख्यालय पर नहीं रहनेवाले कर्मचारियों, अधिकारियों को वेतन नहीं देने का स्पष्ट निर्देश दिया जा चुका है। अब सीहोर में भी जिला प्रशासन इसी राह पर चल पड़ा है। कलेक्टर ने खासतौर पर अपडाउन करनेवाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर अब सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सीहोर में कलेक्टर बालागुरु के. ने समय सीमा यानि टीएल बैठक में अफसरों से सख्त लहजे में चर्चा की। एक अधिकारी से तो उन्होंने इतना तक कह दिया कि यदि ‘मैंने नियम, कायदे बताए तो तुम्हारा नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा।’ उन्होंने नेशनल हाईवे, रेल परियोजना, सिंचाई परियोजना के लिए किए गए भू-अर्जन में मुआवजा वितरण कार्य समय पर नहीं होने को लेकर भी काफी नाराजगी व्यक्त की।
कलेक्टर बालागुरु के. ने अफसरों से कहा कि मैं कब से तुम्हें बोल रहा हूं कि मुआवजा वितरण का कार्य पूर्ण करें, लेकिन ध्यान ही नहीं दे रहे हो। यदि मैं कुछ बोल नहीं रहा तो तुम कर नहीं रहे। मैं समझ रहा था, आप सभी जिम्मेदार अफसर हैं, लेकिन आप तो कुछ करना ही नहीं चाहते। अर्जित भूमि का नामांतरण एवं कब्जा दिलाने के कार्य में प्रगति लाएं। मुआवजा वितरण की कार्रवाई जल्द पूर्ण करें। उन्होंने सभी एसडीएम को ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्तियों के जाति प्रमाण पत्र जल्द बनाने के निर्देश दिए।
कलेक्टर बालागुरु के. ने सीहोर आने के बाद सार्वजनिक रूप से किसी बैठक में पहली बार इस तरह से अफसरों को फटकार लगाई। टीएल बैठक में कलेक्टर ने अप डाउनर अफसरों को लेकर भी काफी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने ऐसे अधिकारियों, कर्मचारियों को अब सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
बता दें कि सीहोर जिले में पदस्थ एक दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ अफसर मुख्यालय में रहने के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी भोपाल से अपडाउन कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों का जिक्र करते हुए कलेक्टर ने कहा कि मुझे विभागीय अधिकारियों के बजाय सूचनाएं दूसरे माध्यमों से पहले मिलती हैं, कितनी गलत बात है। आपसे मिले भी कैसे, आप तो रहते ही नहीं है। जिला अधिकारी नहीं रहता तो उनका बाबू भी चला जाता है। मैं सोच रहा था आप अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं, मुझे कुछ नहीं कहना पढ़ेगा, बिना लिखा-पढ़ी के काम चल जाएगा, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
कलेक्टर बालागुरु के ने कोलार डैम परियोजना के ईई अजय वर्मा से तो यहां तक कह दिया कि मैंने नियम, कायदे बताए तो तुम्हारा नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा। कलेक्टर पूरी बैठक के दौरान कोलार डैम में दो छात्र और सोवली नदी में एक परिवार के डूबने की घटना से व्यथित दिखे। बैठक में उन्होंने बार-बार इसका जिक्र किया।
कलेक्टर बालागुरु के. ने कोलार परियोजना ईई वर्मा से कोलार डैम पर सुरक्षा इंतजाम के बारे में पूछा। सवाल का सीधा-सीधा जबाव देने के बजाय ईई अजय वर्मा नियम और कायदे बताते हुए जिम्मेदारी से बचने लगे। ईई के वन विभाग और मछुआ समितियों का नाम लेकर इधर-उधर की बात करने से नाराज कलेक्टर बालागुरु के ने ईई वर्मा को दो टूक में समझाया कि कुछ काम हमें खुद के विवेक से भी करने होते हैं। बारिश का सीजन है, मना करने के बाद भी लोग डैम पर जाएंगे, लेकिन हम तो अपना काम करें।
कलेक्टर ने कहा कि एक नाव भी चल रही होती है तो उसका फर्क पडता है, लगता है कि अमला घूम रहा है, वहां मत जाओ। आप नियम, कायदे बता रहे हैं ‘मैंने नियम, कायदे बताए तो तुम्हारा नौकरी करना मुश्किल हो जाएगा’। इसके बाद कलेक्टर ने बैठक में सोवली नदी में उफान आने से बहे मुस्लिम परिवार को लेकर कहा कि हमारा कोटवार, पटवारी, चौकीदार तैनात होता तो यह लोग वहां नहीं जाते, अफसर जिम्मेदारी समझें।
Published on:
15 Jul 2025 03:18 pm
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