
तरबूज की फसल
यह समय खरबूज और तरबूज की बोवनी, रोपाई के लिए उपयुक्त समय हैं। गर्म जलवायु में खरबूज और तरबूज की खेती के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे अनुकूल होता है। इसकी खेती के लिए खेत की तैयारी और सही मिट्टी का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। खरबूज और तरबूज की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन दोमट और रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी होती है।
उद्यानिकीय विभाग के उप संचालक राजकुमार सगर के अनुसार इस फसल की बोवनी, रोपाई के लिए दो से तीन बार कल्टीवेटर से खेत की जुताई करें, उसके बाद पाटा लगाकर मिट्टी को भुरभुरी बना लें। आखिरी जुताई के समय 200 से 250 क्विंटल की दर से गोबर की खाद मिलाएं। आरएके कृषि महाविद्यालय के मौसम एवं कृषि विशेषज्ञ डॉ. एसएस तोमर ने बताया कि खरबूज की किस्म, पूसा बीज दर 15 से 2 किग्रा प्रति हेक्टेयर रखें। तरबूज की मधुरस, पूसा मधुरिमा, हरा मधु, दुर्गापुरा मधु को चुनें। किस्म सरस्वती, सागर किंग, मैक्स, शुगर बेबी, अर्का मानिक को लिया जा सकता है। बीज दर को तीन से चार किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर रखें। बीज को दवा कार्बेन्डाजिम, मैन्कोजेब दो ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक बोवनी, रोपाई के लिए थाला विधि उपयुक्त होती है। इसमें पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर 45 से 60 सेमी चौड़ी और 30 से 40 सेमी गहरी नालियां बनाकर नालियों के बीच दूरी दो से ढाई फीट रखें। प्रत्येक नाली के किसी एक किनारे पर 50 से 60 सेमी की दूरी पर थाला बनाकर एक ही जगह दो से तीन बीजों को एक से दो सेमी की गहराई पर बोए या तैयार किए पौध को थाले में रोपें।
Published on:
06 Mar 2025 11:36 am
बड़ी खबरें
View Allसीहोर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
