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जानिए ऐसा क्या हुआ जब 10 गांव के किसानों को मिलेगा फायदा

किसानों की समस्या हमेशा के लिए होगी

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सीहोर

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Anil Kumar

Jun 12, 2022

 जलाशय

जलाशय

अनिल मालवीय सीहोर. आष्टा क्षेत्र के कानियाखेड़ी में जलाशय का निर्माण हो रहा है। पिछले कई महीनो से इसका काम चलने से 50 प्रतिशत के आसपास काम हो भी गया है, लेकिन अब बारिश का मौसम शुरू होने से चार महीने बंद रहेगा। यह जलाशय नए साल में ही बनकर तैयार होगा, तभी किसानों को इसका फायदा मिलेगा। यह जलाशय 10 गांव के किसानों के लिए महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। उनकी जमीन सिंचित होगी ही,वही जलसंकट दूर होगा।

शासन से कानियाखेड़ी में जलाशय (तालाब) स्वीकृत होने के बाद सिंचाई विभाग ने काम शुरू करा दिया था। पिछले कई दिनों से निरंतर काम चलने की वजह से अब तक आधा काम हो गया है। यह काम निरंतर चलता, लेकिन कुछ दिन बाद बारिश का मौसम शुरू होने से चार महीने बंद रहेगा। हालांकि सिंचाई विभाग का कहना है कि बारिश बाद प्रारंभ होने वाला काम लगातार चलेगा, जिससे अगले साल के जून महीने तक जलाशय पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।


इन गांव को मिलेगा फायदा
कानियाखेड़ी जलाशय बनने के बाद कानियाखेड़ी, कुरावर, कल्याणपुरा हरनियागांव सहित दस गांव के किसानों को फायदा मिलेगा। वह आसानी से रबी सीजन में पलेवा और सिंचाई कर सकेंगे। यह तक ही नहीं हर साल पैदा होने वाला जलसंकट भी दूर हो जाएगा। किसानों ने बताया कि इसलिए ही वह जल्द जलाशय बनने की राह देख रहे हैं। जिससे कि उनकी पानी की समस्या का हमेशा के लिए जल्द निराकरण हो सकें।

नहीं हो सका कार्य पूरा
गुराडिय़ा वर्मा में बनने वाला जलाशय (तालाब) का काम ठेकेदार से एग्रीमेंट नहीं होने की वजह से अधर में अटक गया है। इससे किसानों को जलाशय का लाभ मिलने के लिए अब और इंतजार करना पड़ेगा। बताया जाता है कि जलाशय बनने के बाद आसपास की 800 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। जलाशय का गुराडिय़ा वर्मा, ग्वाला, ग्वाली सहित अन्य गांव के किसानों को फायदा मिलेगा। वह आसानी से फसल में सिंचाई कर सकेंगे। वही जलस्त्रोतों का वाटर लेवल भी बना रहेगा। जलाशय बनने का किसानों के साथ आमजन को लंबें समय से इंतजार है, लेकिन काम कब शुरू होगा कहना मुश्किल है।

विकासखंड में है 18 तालाब
आष्टा विकासखंड में सिंचाई विभाग के 18 जलाशय (तालाब) है। इसमेंं सबसे बड़ा जलाशय रामपुरा डैम है, जिससे सीजन में आसपास के करीब 20 गांव के किसानों को फायदा मिलता है। वही झिक ड़ी जलाशय के अलावा अन्य जलाशय भी है। जिनके पानी से रबी सीजन में किसान पलेवा और फसल में सिंचाई करते हैं। यह जलाशय कुएं, ट्यूबवेल, हैंडपंप का वाटर लेवल बढ़ाने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।