
किसान सम्मेलन में न मंत्री दिखाई दिए न मुख्यमंत्री सुनाई दिए
सीहोर। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना का जिला मुख्यालय पर कृषि मंडी में आयोजन किया गया था, जहां राजस्व मंत्री को शामिल होने था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री का लाइव कार्यक्रम होना था। आयोजन में मंत्री जी का दौरा निरस्त हो गया तो वहीं बारिश और तकनीकी खराबी के कारणों के चलते मुख्यमंत्री के जबलपुर से लाइव हो रहा संबोधन किसी को सुनाई नहीं दिया। इस कारण आयोजन में आए किसान मायूस नजर आए। कार्यक्रम में उपस्थित सांसद आलोक संजर की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान अनेक किसानों ने गेहूं, चने के भुगतान की शिकायत भी की गई।
कृषि उपज मंडी में 56 हजार 436 किसानों के खातों में 122 करोड़ खाते में पहुंचाने सुबह 10 बजे से मुख्यमंत्री समृद्धि योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया था। तय दौरे के अनुसार राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता किसान सम्मेलन में शामिल होने सुबह 11 बजे उपस्थित होने थे, लेकिन किन्ही कारणों से एन वक्त पर दौरा निरस्त हो गया। दोपहर 12.27 पर सांसद आलोक संजर आयोजन में शामिल होने पहुंचे। 12.32 पर दीप प्रज्वलित कर आयोजन की शुरूआत की गई। दोपहर एक बजे से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेशभर के किसानों को दूरदर्शन के माध्यम से संबोधित करने वाले थे। जैसे ही लाइव आयोजन शुरू हुआ।
आयोजन के रंग में बरिश ने भंग डाल दिया। तेज बारिश के चलते किसान सीधे मुख्यमंत्री का उद्बोधन पूरी तरह से नहीं सुन सके। बारिश में डीटीएच को नहीं मिला सिगनल किसान सम्मेलन में उपस्थित किसानों के लिए मुख्यमंत्री को सुनने दो एलसीडी लगाई गई थी, लेकिन उद्बोधन से पहले ही शुरू ही तेज बारिश ने आयोजन में व्यवधान डाल दिया। डीटीएच के बार-बार सिंगनल टूटने से व्यवधान आता रहा। जैसे-तैसे जुगाड़ कर मोबाइल पर ऑनलाइन ऑडियो-वीडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री के भाषण की व्यवस्था की गई, लेकिन काम नहीं बन सका। मंत्री उमाशंकर गुप्ता के नहीं पहुंचे और मुख्यमंत्री का भाषण ठीक से दिखाई नहीं देने के कारण किसान मायूस नजर आए।
हालांकि कुछ देर के लिए सिगनल आने पर कार्यक्रम की कुछ झलकियों से ही किसानों को संतुष्ट करने अधिकारी प्रयास करते नजर आए। बारिश में टपकता रहा टीन शेड दोपहर में आधे घंटे से ज्यादा हुई बारिश में बाहर लगा टेंट भीग गया। किसानों ने टीन शेड में खड़े होकर भीगने से बचने प्रयास करते नजर आए आयोजन के दौरान टीन शेड में भी पानी टपकता रहा। इसके चलते कुर्सी पर बैठने के बजाय खड़े होकर ही आयोजन को सुना। वही कई किसान इधर-उधर खड़े होते दिखाई दिए। कई किसान पहुंचे अपनी पीड़ा लेकर किसान सम्मेलन में कई किसान अपने भुगतान व अन्य समस्याओं के निराकरण की आस में भी आयोजन में शामिल हुए थे, लेकिन अव्यवस्थाओं के कारण अपनी पीड़ा नहीं सुुना पाए। भैयालाल मेवाड़ा ने बताया कि मंडी व समर्थन पर अनाज बेचा था।
मंडी व्यपारी नकद नहीं देकर राशि खाते में डाल रहे हैं। तो वही खरीदी केन्द्रों पर तुलाई उपज की राशि भी बैंक खातों में आई। बैंक भी एक बार में राशि नहीं दे रही है। बार-बार चक्कर लगाकर और लाइन में लग कर राशि निकालना पड़ रही है। गजेन्द्र मालवीय ने बताया कि सोयाबीन बांझ होने पर नुकसान हुआ था। इसका मुआवजा आज तक नहीं मिला। समय पर राशि नहीं मिलने के कारण कई किसानों ने ब्याज पर रकम लेना मजबूरी बताई।
किसान समृद्धि योजना के तहत जिले के 56 436 कृषकों को 122 करोड़ रुपए का वितरण किया गया। बारिश और बिजली के दौरान कुछ खलल जरूर आया, लेकिन इसके बाद किसानों ने मुख्यमंत्री के संबोधन को पूरा सुना।
अवनीश चतुर्वेदी, डीडीए सीहोर
Published on:
11 Jun 2018 05:25 pm
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