
तीन घंटे बंद रहा रेल यातायात, ओवरब्रिज के लिए चढ़ाई गाडरें
सीहोर। मंडी रेलवे ओवर ब्रिज तेजी से आकार ले रहा है। गुरुवार को रेलवे लाइन के ऊपरी भाग पर गाडरें चढ़ाने का काम शुरू हुआ। रेलवे लाइन के ऊपरी हिस्से में पांच भागों में १५ गाडरें डाली जाएगी। रेलवे लाइन पर गाडरों के चढ़ाने के काम होने से रेल यातायात सुबह करीब तीन घंटे बंद रहा। हालांकि रेलवे प्रबंधन का तर्क था कि रेल यातायात में कोई परेशानी नहीं आई है। सुबह दस बजे के बाद दोपहर तक यात्री ट्रेनों का समय नहीं है। इसके अलावा माल वाहनों का भी इस समय निकालने का समय निर्धारित नहीं था।
रेलवे ओवरब्रिज पर चलने का सपना देख रहे सीहोर के नागरिकों के लिए अच्छी खबर है। गुरुवार से ओवरब्रिज निर्माण के दौरान रेलवे लाइन के ऊपर गाडर कराने का काम किया गया। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे लाइन पर गाडरें चढ़ाने के लिए ठेकेदार ने करीब तीन घंटे का परमिट लिया गया था। इस दौरान रेल यातायात बंद रहा। रेलवे लाइन के ऊपर गाडरे चढ़वाने के लिए भोपाल, उज्जैन, रतलाम के इंजीनियरों के अलावा मुंबई और दिल्ली से इंजीनियर सीहोर पहुंचे थे। जिनकी निगरानी में बड़ी-बड़ी क्रेनों से रेलवे लाइन के ऊपर गाडर चढ़ाने का काम किया गया।
रेलवे यातायात में नहीं आई परेशानी
रेलवे विभाग की माने तो रेलवे लाइन पर जिस समय रेलवे लाइन पर गाडरे चढ़ाने का परमिट दिया गया है। उस समय ट्रेनों का आने-जाने का समय नहीं था। इसके साथ ही माल वाहनों का भी सीहोर रेलवे लाइन से निकलना निर्धारित नहीं था। इसके कारण रेलवे यातायात में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा। स्टेशन अधीक्षक मनु चतुर्वेदी ने बताया कि रेलवे लाइन पर परमिट के समय में रेलवे लाइन पर गाडर चढ़ाने का काम पूरा होने की बात ठेकेदार ने कही है।
रेलवे लाइन पर गाडर चढ़ाने के बाद शुरू होगा मंडी तरफ गाडर चढ़ाने का काम
एक तरफ पिलर खड़े होने के बाद उनके ऊपर गाडर चढ़ाने का काम अप्रैल २०१८ में शुरू हुआ था। यह पूरा हो चुका है। इसी के साथ रेलवे लाइन पर गाडर चढऩे के बाद मंडी वाली हिस्से में गाडर चढ़ाने का काम किया जाएगा। बड़ी के्रन से लोहे की गाडर चढ़ाई जा रही है। इनको देख लोगों के मुरझाए चेहरे पर रंगत लौटने लगी है। उनका मानना है कि काम तेज गति से चला तो जल्द ही आना जाना सरल हो जाएगा।
चार साल पहले शुरू हुआ था रेलवे ओवरब्रिज का काम
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मंडी स्थित रेलवे क्रासिंग पर करीब ११ करोड़ की लागत से ओवरब्रिज काम का श्रीगणेश हुआ था। बाद में ब्रिज की लागत बढ़कर १५ करोड़ तक पहुंच गई थी। ज्ञात रहे कि वर्ष २०१४ में दोनों तरफ ब्रिज के हिस्से बन गए थे। यह काम सुचारू रूप से चलता उससे पहले ऐसा बंद हुआ कि चालू नहीं हो सका। ओवरब्रिज के अधूरे निर्माण से आमजन की फजीहत बढ़ गई। २०१७ के अंत में वापस इसका काम चालू हुआ था। इसके बाद वापस लोगों में उम्मीद जागी थी। उनकी उम्मीद को निर्माण की सुस्त रफ्तर ने फीका कर दिया था।
Published on:
21 Jun 2018 02:10 pm
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