
Pandit Pradeep Mishra Controversy (फोटो: एक्स/पत्रिका)
Pandit pradeep mishra controversy: 'पं. प्रदीप मिश्रा वृंदावन जाएं। वहां हमारी चित्रगुप्त पीठ है, नाक रगड़कर माफी मांगें, जैसे राधा रानी से मांगी थी।' बुधवार को कायस्थ समाज ने कथावाचक प.मिश्रा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा और पं. मिश्रा के खिलाफ नारे लगाए। महाराष्ट्र में कथा के दौरान आराध्य चित्रगुप्त पर की टिप्पणी पर कायस्थ समाज ने विरोध प्रदर्शन करते हुए कथावाचक मिश्रा का पुतला जलाने और एफआइआर दर्ज कराने की बात कही।
शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा, पं. मिश्रा ने मंदसौर में कहा कि यहां की महिलाएं वैश्यावृत्ति बंद करें, राधा रानी के बारे में भी उन्होंने गलत बताया। कल जो उन्होंने माफी मांगी, उसमें उन्होंने यह बताने का प्रयास किया कि मैं जो बोलता हूं, वेद-पुराण से बोलता हूं और जो कई लोगों ने पढ़ी नहीं होती, जिससे वह समझ नहीं पाते। इससे समाज में रोष बढ़ गया है, भगवान उन्हें सदबुद्धि दें। इस बीच बुधवार को पं. मिश्रा ने विश्व में सर्वाधिक टीआरपी वाले आध्यात्मिक प्रवक्ता का सम्मान लिया। यह ओएमजी बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने दिया।
समाज के जिला अध्यक्ष प्रदीप सक्सेना ने कहा, मैंने खुद 11 बार शिवमहापुराण पढ़ी है, कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा है। उन्हें ऐसी टिप्पणी नहीं करना चाहिए, उनकी कथाओं में बड़ी संख्या में लोग आते हैं, यदि वे इस तरह की बातें करेंगे तो समाज में गलत संदेश जाएगा। हम इसका विरोध करते हैं। दिल्ली, पटना, जयपुर तमाम जगह उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए कार्रवाई हो रही है।
Published on:
19 Jun 2025 10:04 am
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