24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां शाम होते ही निकलने में डरते हैं लोग, जानिए ऐसा क्यों होता है

आवाजाही करने में लोगों को उठाना पड़ती है परेशानी

2 min read
Google source verification

सीहोर

image

Anil Kumar

Feb 10, 2022

सड़क

सड़क

सीहोर. यदि आप पुराने भोपाल-इंदौर हाइवे पर इंदौर नाका से सोया चौपाल के बीच रात में सफर कर रहे हैं तो संभल के जाए। यह कहने में इसलिए आ रहा है कि मार्ग पर आधी-अधरी स्ट्रीट लाइट लगी होने की वजह से शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है, उसके बाद आने जाने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। मार्ग पर उजाले की व्यवस्था नहीं होने से कई बार वाहन चालक और आवाजाही करने वाले राहगीर हादसे शिकार हो जाते हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार स्ट्रीट लाइट लगाने की जहमत नहीं उठा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार सोया चौपाल से हाउसिंग बोर्ड के बीच करीब 40 करोड़ से ज्यादा की लागत से 8 किमी लंबी सीसी सड़क का निर्माण हुआ है। सड़क निर्माण के साथ ही बीच में डिवाइडर बनाए हैं। इस मार्ग पर रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट भी लगनी थी, लेकिन यह आधी अधूरी ही लगाई है। सोया चौपाल से इंदौर नाके के बीच करीब एक किमी से अधिक के दायरे में स्ट्रीट लाइट ही नहीं लगी है। इससे शाम सात बजे बाद मार्ग पर अंधेरा पसर जाता है। उजाले का इंतजाम नहीं होने से पैदल जाने वाला व्यक्ति और सड़क पर खड़े वाहन दिखाई ही नहीं देते हैं। इस वजह से कई बार दुघर्टनाएं तक घट चुकी हैं।

40 हजार का आना जाना
इस मार्ग से रोजाना करीब 40 हजार से अधिक लोगों की आष्टा, भोपाल, इंदौर, देवास, सोनकच्छ सहित अन्य जगह आना जाना होता है। लोगों ने बताया कि पहले डिवाइडर का काम भी अधर में छोड़ दिया था, वह जैसे तैसे पूरा हुआ तो अब स्ट्रीट लाइट का अटक गया है। अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि आधी जगह में स्ट्रीट लाइट को लगाने खंभे तक नहीं गाड़े गए हैं। यह हाल तब है जब हर दिन हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। उल्लेखनीय है कि यह स्थिति लंबें समय से है।
वाहनों की अवैध पार्किंग
इस सड़क को बनाते समय भले ही चौड़ीकरण कर दिया हो, लेकिन समस्या दूर नहीं हो पाई है। अब छोटे, बड़े वाहन चालकों ने इसे पार्किंग जोन में तब्दील कर दिया है। अस्पताल चौराहा से पोस्ट ऑफिस के बीच गंगा आश्रम क्षेत्र में सड़क पर बेतरतीब खड़े वाहनों से हालत यह बन गई कि कई बार जाम लगने से लोगों को पैदल निकलने में काफी जद्दोजहद करना पड़ती है। यह सब जिम्मेदारों की नजर में भी है लेकिन वह ध्यान नहीं दे रहे हैं।