
दो आलीशान मकान, तीन हैक्टेयर जमीन फिर भी गरीब बताकर दे दिया आवास.. देखें मामला!
सीहोर/ब्रिजिशनगर। गरीबों को पक्का आशियाना मुहैया कराने शासन द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिवों ने रुपए लेकर जिनके नाम पहले से जमीन और मकान हैं, उन अपात्रों को ही पात्र बताकर योजना का लाभ दे दिया। शिकायत के बाद जब इसकी जांच हुई तो हकीकत सामने आ गई। एसडीएम ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर तरूण कुमार पिथौड़े को सौंपी है।
ग्राम पंचायत ब्रिजिशनगर निवासी धर्मेंद्र पिता सुनेर सिंह ने जनसुनवाई में 1 मई 2018 को आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाकर बताया था कि सरपंच गुड्डी बाई पति ज्ञान सिंह राठौर और सचिव घनश्याम भ्रष्टाचार करते हुए रुपए लेकर शासन की योजनाओं का लाभ अपात्रों को दे रहे हैं। इसकी जांच कर कार्रवाई की जाए। कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेकर इछावर एसडीएम को टीम बनाकर जांच के निर्देश दिए थे।
राजस्व रिकार्ड में दर्ज जमीन
इसकी जांच की तो टीम भी एक पल के लिए चौक गई। ब्रिजिशनगर निवासी महेश राठौर पिता देवबगस के गांव में दो पक्के और एक कच्चा मकान मिला। उसके नाम 2.938 हेक्टेयर जमीन राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। इसके बावजूद महेश के बेटे प्रेमनारायण के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किया गया।
इसी प्रकार प्रेमनारायण पिता गंगाप्रसाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र ब्रिजिशनगर में कैशियर के पद पर कार्यरत है। सीहोर में निवास कर यही से बैंक कार्यालय आना जाना करते हैं। गांव में प्रेमनारायण के माता-पिता पुराने कच्चे मकान में निवास करते हैं। पिता के नाम गांव में 1.967 हेक्टेयर भूमि राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। प्रेमनारायण की मां कमला बाई पति गंगाप्रसाद के नाम प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ है। इससे सरपंच, सचिवों द्वारा की गई अनियमित्ता की पोल खुल गई।
नहीं निकली जमीन
शिकायतकर्ता धर्मेंद्र ने मौके पर बताया कि उसके द्वारा पूर्व में राजेश राठौर पिता सूरजमल की भी शिकायत की थी। टीम ने इसकी जांच में पाया कि राजेश अपने बड़े के साथ मय परिवार पक्के मकान में निवास करते हैं। उसके नाम किसी भी तरह की कृषि भूमि गांव में नहीं है। राजेश राठौर के नाम पीएम आवास स्वीकृत हुआ है।
Published on:
18 May 2018 04:46 pm
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