
अन्नदाता
संतोष त्यागी, बरखेड़ी. कभी टकटकी लगाक र इधर देखते तो कभी उधर...बस इसी में कटते दिन,रात...बेबसी ऐसी कि सोती है जनता, तब अन्नदाता जागकर काटते हैं रात...यह कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत है। आखिर में ऐसी वजह क्या है जिससे यह सब हो रहा है उसे जानने के लिए हमें थोड़ा आगे बढऩा होगा। आईए हम बताते हैं कि क्यों अन्नदाता ऐसी लाचारी में जी रहा है।
दरअसल दो महीने पहले रबी की बोवनी होने के बाद खेतों में इस समय गेहूं,चना, मसूर फसल लहलहा रही है। खेत हरे भरे होते ही फसल पर जंगली सूअर का आतंक बढ़ गया है। बरखेड़ी क्षेत्र के उलझावन,भोजनगर, रलावती,हीरापुर, टिटोरा, बरखेड़ी सहित एक दर्जन गांव में जंगली सूअर से किस तरह से किसान परेशान हैं उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिन के साथ रात भी उनको खेतों पर ही जागकर काटना पड़ रही है। जंगली सूअर जिस खेत में धावा बोलते हैं समझो उसकी पूरी गेहूं,चना, मसूर आदि फसल बर्बाद हो जाती है। किसान डर की वजह से कई बार इनको खेतों से भगा तक नहीं पाते हैं। यदि भगाने गए तो किसानों के ऊपर ही हमला करने का सबसे अधिक खतरा रहता है।
वन विभाग को देना चाहिए ध्यान
उलझावन के किसान जीवनसिंह वर्मा,अखिलेश वर्मा,अर्जुनसिंह ठाकुर ने बताया कि जंगली सूअर की समस्या से पिछले कई दिन से परेशान हैं, फिर भी निजात नहीं मिल पाई है। टिटोरा के ओमप्रकाश शर्मा,कमलेश त्यागी ने बताया कि जंगली सूअर खेतों में उछलकूद कर फसल को नहस नहस करते है। किसानों ने बताया कि वन विभाग को जल्द ही इनको पकड़कर जंगल में छोडऩा चाहिए, जिससे कि जल्द ही समस्या से राहत मिले।
तो करेंगे आंदोलन
किसानों ने चेतावनी दी है कि जंगली सूअर की वजह से उनको रात में भी खेतों पर रूकना पड़ रहा है। यह जंगली सूअर काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग ने जल्द ही इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो धरना,प्रदर्शन या फिर आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि किसानों की इस समस्या की तरफ वन विभाग को गंभीरता दिखाना चाहिए।
वर्जन...
अभी हमारे पास जंगली सूअर को पकडऩे को लेकर कोई आवेदन या जानकारी नहीं आई है। जानकारी आती है तो उच्च अधिकारियों को इससे अवगत करा जाएगा। उच्च अधिकारी की तरफ से जो आदेश, निर्देश मिलेंगे उस आधार पर काम किया जाएगा।
शरद रंजन, नाकेदार वन विभाग ईमलीखेड़ा
Published on:
21 Jan 2023 03:52 pm
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