19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हादसे रोकने और मौत का ग्राफ कम करने में सीहोर का प्रदेश में पांचवां नंबर

एक जनवरी से 30 सितंबर तक सीहोर जिले में हुए सड़क हादसों में पिछले साल से 17 मौत कम

2 min read
Google source verification
हादसे रोकने और मौत का ग्राफ कम करने में सीहोर का प्रदेश में पांचवां नंबर

हादसे रोकने और मौत का ग्राफ कम करने में सीहोर का प्रदेश में पांचवां नंबर

सीहोर. जिले की सीमा के बीच से गुजरे 86 किलोमीटर के इंदौर-भोपाल स्टेट हाइवे को मौत का हाइवे कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं है। हाइवे पर हर दिन औसत तीन दुर्घटना होती हैं, जिसमें एक व्यक्ति की मौत होती है। हादसे रोकने के प्रयास तो लंबे समय से हो रहे हैं, लेकिन कोई विशेष सफलता नहीं मिल रही है, लेकिन पुलिस की तरफ से इस बार कुछ ऐसे आंकड़े सामने आए हैं, जिन्हें देखकर कुछ राहत मिलती है। हालांकि यह आंकड़ा ऐसा नहीं है कि हम अपने प्रयास बंद कर दें। हां, इतना जरूर है कि इससे यह तय हो जाता है कि हम जो प्रयास कर रहे हैं, वह सही दिशा में हैं, इन्हें और तेज किया जाए तो हाइवे पर होने वाले हादसे और उनमें होने वाली मौत की संख्या को और कम किया जा सकता है।

पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रदेशभर के सड़क हादसे और हादसों में होने वाली मौत के रेकॉर्ड की समीक्षा करने पर सामने आया है कि एक जनवरी से 30 सितंबर तक सीहोर जिले की सीमा में हुए सड़क हादसों में मौत की संख्या में 10.2 की कमी आई है। इस समयावधि में पिछले साल की अपेक्षा करीब 17 जान कम गई हैं। सीहोर पुलिस हादसे रोकने और हादसों में मौत की संख्या कम करने के प्रयास निरंतर कर रही है। प्रदेश में पहला नंबर गुना का है, यहां पर 22.6 प्रतिशत मौत कम हुई हैं।

एडीजी पीटीआरआई ने दिए टिप्स-घायल को मरने नहीं दें
एडीजी पीटीआआई ने हादसे रोकने और हादसों में मौत की संख्या कम करने के लिए सभी जिले के एसएसपी को कुछ टिप्स दिए हैं। उन्होंने कहा है कि जिले में दुर्घटना और मृत्यु परिदृश्य पर एक विस्तृत पीपीटी तैयार की जाए। जिला सड़क सुरक्षा समिति के समक्ष इस दिखाया जाए। पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई, एमपीआरआरडीए, यूएडीडी आदि और पुलिस बल को सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाए। एडीजी पीटीआरआई ने विशेष कर इस बात पर जोर दिया है कि हादसा रोका जाए, यदि हादसा हो रहा है तो यह सुनिश्चित किया जाए कि घायल व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाए और उसे गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल मिले। किसी भी कीमत पर घायल व्यक्ति को मरने नहीं दिया जाए।

एसपी अवस्थी को प्रशस्ति पत्र
हादसों की संख्या में कमी और हादसों में मौत की संख्या में कभी करने वाले सभी जिले के पुलिस अधीक्षक की एडीजी पीटीआरआई ने सराहना की है। उन्होंने लिखा है कि राजीव, गुरुकरण, टीके विद्यार्थी, डॉ. शिव और सीहोर एसपी मयंक अवस्थी अपनी पीठ थपथपाने के पात्र हैं। इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए आप सभी को और आपके पूर्ववर्तियों को हार्दिक बधाई। आप सभी 5 को 'प्रशस्ति पत्र' मिलेगा। बाकी के 47 जिले तुरंत सुधार करें और देखें कि कहीं आपका ग्राफ न फिसले। नवंबर के अंत में आपके द्वारा किए गए प्रयासों और उसमें सुधार देखने के लिए फिर से समीक्षा की जाएगी।

कहां कितने प्रतिशत मौत में कमी
जिला प्रतिशत
1. गुना 22.6
2. होशंगाबाद 19.4
3. निवाड़ी 14.6
4. देवास 11.3
5. सीहोर 10.2