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सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव 28 से, पंडित प्रदीप मिश्रा बांटेंगे 11 लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष

नेपाल से मंगाए रुद्राक्ष, पूर्व में आठ लाख श्रद्धालुओं को वितरित किए थे, सीहोर में दूसरी साल कार्यक्रम

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सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव 28 से, पंडित प्रदीप मिश्रा बांटेंगे 11 लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष

सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव 28 से, पंडित प्रदीप मिश्रा बांटेंगे 11 लाख अभिमंत्रित रुद्राक्ष

सीहोर। विठलेश सेवा समिति जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में सात दिवसीय Rudraksh Mahotasav का आयोजन कर रही है। यह पूरा कार्यक्रम सुप्रसिद्ध कथावाचक pandit pradeep mishra के मार्गदर्शन में किया जाएगा। यह धार्मिक अनुष्ठान देश, दुनियां की सुख-समृद्धि की कामना और धर्म को जन-जन तक पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव में पंडितत प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा का वाचन करेंगे, जिसमें कई आकर्षक सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रम होंगे। भगवान भोलेनाथ की लीलाओं का मंचन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान 11 लाख से अधिक अभिमंत्रित रुद्राक्ष का वितरण किया जाएगा। यह कार्यक्रम 28 फरवरी से प्रारंभ होकर 6 मार्च तक चलेगा। रुद्राक्ष महोत्सव में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए 10 हजार वर्गफीट क्षेत्र में पांडाल लगाया जा रहा है। महोत्सव में रोज शाम shiv mahapuran के बाद रुद्राक्ष का वितरण किया जाएगा, यह सभी 11 लाख से रुद्राक्ष सात दिवस के अंदर वितरित किए जाएंगे। समिति ने बड़ी संख्या में रुद्राक्ष का ऑर्डर दिया है, बताया जा रहा है कि यह रुद्राक्ष नेपाल से आ रहे हैं।

दस एकड़ में बन रहे तीन पांडाल
सात दिवसीय भव्य रुद्राक्ष महोत्सव और शिव महापुराण की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। दस एकड़ के मंदिर परिसर क्षेत्र में तीन पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। भव्य पंडाल में शिव पुराण का प्रतिदिन आयोजन किया जाएगा, इसके अलावा हर रोज आने वाले श्रद्धालुओं के रहने आदि की नि:शुल्क व्यवस्था भी की जा रही है।

कैसी रहेगी बैठक और रात रूकने की व्यवस्था
चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन Murli Manohar and Kubereshwar Mahadev Temple में सात दिवसीय भव्य रुद्राक्ष महोत्सव में महिला और पुरुष श्रद्धालुओं की बैठक व्यवस्था अलग-अलग रहेगी। रात को कुछ श्रद्धालु कथा स्थल पर बने पांडाल में ही रूक सकेंगे, वहीं बाहर से आने वाले व्यक्तियों के लिए शहर के धर्मशाला, खाली पड़े सार्वजनिक स्थल, मंदिर परिसर बुक किए जाए रहें हैं। बाहर से आने वाले श्रद्धालु अपने हिसाब से होटल और लॉक में रूम लेकर भी रह सकेंगे। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ब्राह्मण समाज, राठौर समाज की धर्मशाला भी खोली जाएंगी।

कहां है सीहोर का चितावलिया हेमा
चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर जहां पर रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन हो रहा है। सीहोर शहर के आष्टा-इंदौर की तरफ इंदौर-भोपाल स्टेट हाइवे पर स्थित है। सीहोर शहर से इसकी दूरी करीब 8 किलोमीटर और भोपाल से 40 किलोमीटर है। इंदौर की तरफ से आने वाले व्यक्ति को सीहोर से सात किलोमीटर पहले ही रूकना पड़ेगा। इंदौर से सीहोर के चितावलिया हेमा रुद्राक्ष महोत्सव कार्यक्रम स्थल की दूरी करीब 150 किलोमीटर है।

भोपाल से कैसे पहुंचे सीहोर चितावलिया हेमा
- भोपाल से सीहोर के लिए बस, ट्रैक्सी और ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है। ट्रैक्सी भोपाल के नादरा बस स्टैंड से सीधे सीहोर बस स्टैंड के लिए आवाजाही करती हैं।
- भोपाल से सीहोर के लिए बस नादरा बस स्टैंड, आईएसबीटी, हलालपुरा बस स्टैंड, जवाहर चौक से ली जा सकती है।
- भोपाल से ट्रेन के जरिए भी सीहोर बस स्टैंड और फिर यहां से ऑटो लेकर या निजी वाहन से चितावलिया हेमा जाया जा सकता है।
- सीहोर बस स्टैंड से chitwalia hema के लिए निजी वाहन या ऑटो ही साधन हैं। यहां से दूरी करीब 7 किलोमीटर है।

इंदौर से कैसे पहुंचे सीहोर चितावलिया हेमा
- इंदौर से बस, ट्रैक्सी के द्वारा सीधे chitwalia hema पहुंचा जा सकता है। इंदौर से दूरी करीब 150 किलोमीटर है। इंदौर की तरफ से आने वाले श्रद्धालुओं को सीहोर शहर में आने की जरूर नहीं है। रेलवे स्टेशन पर आने वाले श्रद्धालु निजी वाहन या ऑटो से कार्यक्रम स्थल पहुंच सकते हैं।

ठहरने के अलावा खाने की क्या व्यवस्था
धार्मिक अनुष्ठान स्थल पर खाने की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम का आयोजन सुबह से शुरू हो जाएगा, आने वाले श्रद्धालुओं को चाय, नाश्ते मिलता रहेगा। सुबह और शाम खाने की व्यवस्था पूरी तरह नि:शुल्क रहेगी। हर रोज सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक भोजन व्यवस्था लगातार रहेगी। यह भंडारा सातों दिन चलेगा। भोजन व्यवस्था के लिए पंडालों का निर्माण भी किया गया है। श्रद्धालु सीहोर शहर के होटल और रेस्टोरेंट में भी भोजन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कार्यक्रम स्थल से पुन: शहर आना पड़ेगा।

शाम 6 बजे बाबा की आरती
सात दिवस यहां पर सुबह से देर रात्रि तक आयोजन का सिलसिला चलता रहेगा। सुबह भगवान का अभिषेक के साथ ही दोपहर में शिव महापुराण के आयोजन के पश्चात शाम छह बजे बाबा की आरती के उपरांत मुंबई, नैनीताल के कलाकारों की प्रस्तुति दी जाएगी।