
पानी
अनिल मालवीय की रिपोट...
सीहोर. जिले के रामपुरा जलाशय से सिंचाई विभाग ने आष्टा शहर की जलापूर्ति करने 25 दिन पहले पार्वती नदी में पानी छोड़ा था। इस पानी को कई जगह बीच में ही किसान और अन्य ग्रामीणों ने बैराज का गेट लगाकर रोक दिया। नदी पूरी तरह से भरा नहीं पाई तो नगर पालिका अफसर हरकत में आए और प्रशासनिक अमले के साथ बुधवार को इलाही और सिद्दीकगंज पहुंचे। यहां बैराज के गेट लगे हुए मिले। नपा, प्रशासनिक अमला ने गेट को खुलवाना शुरू किया तो लोगों ने आक्रोशित होकर विरोध शुरू कर दिया। यह विरोध नोकझोक से होकर सिद्दीकगंज में बाजार की दुकान कराने तक पहुंच गया। अधिकारियों ने ग्रामीणों को काफी समझाया, तब जाकर मामला शांत हुआ।
आष्टा शहर की 90 हजार आबादी की जलापूर्ति पार्वती नदी ही करती है। पिछले साल बारिश के पानी को सहेजने में नगर पालिका ने जमकर लापरवाही दिखाई, इससे जनवरी महीने में ही आष्टा शंकर मंदिर बैराज के पास नदी सूखकर मैदान में तब्दील हो गई थी। नगर पालिका ने आनन फानन में सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर पांच लाख रुपए की राशि जमा की। सिंचाई विभाग ने 15 फरवरी को आष्टा शहर की जलापूर्ति करने के लिए स्टोर 4.5 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) में से पार्वती नदी को भरने 2.25 एमसीएम पानी छोड़ा था। यह पानी 28 फरवरी तक आष्टा बैराज तक पहुंचना था, लेकिन आधा भी नहीं पहुंचा। इससे नगर पालिका अफसर हरकत में आए और ऐसा क्यों हो रहा इसका कारण जानने प्रशासनिक अमले के साथ बुधवार को इलाही, सिद्दीकगंज पहुंचे।
प्रशासन, ग्रामीण आमले सामने
तहसीलदार लाखनसिंह चौधरी, नपा सीएमओ एनके परसानिया ने अमले के साथ पहले इलाही के पास बैराज में लगे गेट को खुलवाया। इसके बाद अमला सिद्दीकगंज पहुंचा, यहां जेसीबी से खोलने का काम चालू ही हुआ कि करीब 100 किसान और आमजनों ने आकर विरोध शुरू कर दिया। ग्रामीणों का कहना था कि नदी में पानी रहने तक ही आसपास के जलस्त्रोत (कुएं,ट्यूबेवल, हैंडपंप) जीवित रहते हैं। वही मवेशियों को पानी मिलता है, लेकिन गेट खोल दिया तो नदी में पानी समाप्त होते ही संकट खड़ा हो जाएगा। अफसरों का कहना था कि रामपुरा जलाशय से आष्टा शहर की जलापूर्ति करने के लिए ही पानी छोड़ा है। ग्रामीण और अधिकारियों के बीच इसे लेकर नोकझोक की स्थिति बन गई। जब बात नहीं बनी तो ग्रामीणों ने सिद्दीकगंज में बाजार की दुकान बंद करा दी। इससे खरीदी करने आए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दो गेट खुलवाए
प्रशासन और नगर पालिका अफसरों ने ग्रामीणों को काफी समझाया, लेकिन वह अपनी मांग पर ही अड़े हुए थे। ग्रामीण व अफसरों के बीच काफी देर तक चली चर्चा के बाद, सिद्दीकगंज पार्वती नदी में बने बैराज के पूरे गेट निकालने की जगह दो गेट निकालकर ही पानी छोड़ा गया, तब कही जाकर लोगों का गुस्सा शांत हुआ। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने चेतावनी दी कि अब वापस किसी ने गेट लगाया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन...
रामपुरा जलाशय से आष्टा शहर की जलापूर्ति करने पार्वती नदी में छोड़े गए पानी को इलाही और सिद्दीकगंज के पास लोगों ने बैराज के गेट लगाकर रोक लिया था। गेट को खुलवा दिया है। कुछ लोगों ने इसका विरोध किया, लेकिन उनको समझाकर मामला शांत करा दिया था।
लाखनसिंह चौधरी, तहसीलदार आष्टा
Published on:
10 Mar 2022 10:56 am
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