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विधायक ने कहा, व्यवस्था सुधार मरीजों को रेफर करना बंद कर दो

रोकस की बैठक में अधिकारियों के उपस्थित नहीं होने पर जारी होगा नोटिस

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सिविल अस्पताल

आष्टा। सिविल अस्पताल में चली आ रही अव्यवस्था की हकीकत रोगी कल्याण समिति की बैठक में भी सामने आ गई। जब विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय ने नाराजगी जाहिर कर प्रबंधन को स्पष्ट कहा कि व्यवस्था सुधार लो और नार्मल मरीजों को रेफर करना बंद कर दो। ऐसी जानकारी वापस सामने आई तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक में कई अधिकारियों के उपस्थित नहीं होने पर उनको नोटिस जारी करने की भी बात कही गई है।


शुक्रवार को सिविल अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें मुख्य रूप से विधायक और एसडीएम मेहताब सिंह गुर्जर थे। विधायक को लंबे समय से अस्पताल से मरीजों के रेफर करने की शिकायत मिलने के बाद यह मुद्दा भी उठा। विधायक ने प्रबंधन को कहा कि आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा है जब नार्मल मरीजों को भी सीधे सीहोर या फिर अन्य जगह रेफर किया जाता है। जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है और अतिरिक्त रुपए भी खर्च करना पड़ते हैं। अब आगे से इस तरह से नहीं चलेगा। गंभीर मरीज हो तो ही रेफर किया जाए, नार्मल मरीज को रेफर करने की शिकायत मिली तो बख्शा नहीं जाएगा।

जारी होगा अधिकारियों को नोटिस
विधायक ने बताया कि रोकस की बैठक में कई विभागों के अधिकारियों को शामिल होना था। बावजूद इसके बीएमओ डॉक्टर प्रवीर गुप्ता, पीडब्ल्यूडी एसडीओ केके पारासर सहित अन्य अधिकारी उपस्थित नहीं हुए। जिसके चलते उनको कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जाएगा। जवाब संतोष जनकर नहीं आया तो नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

दोबारा जारी होगा टेंडर
अस्पताल में पार्किें ग व्यवस्था ठेके पर चल रही थी। डेढ़ महीने पहले ठेकेदार बीच में ही ठेका छोड़कर चला गया था, जिससे व्यवस्था बिगड़ गई थी। अस्पताल में आने वाले लोग वाहनों को हर कही खड़ कर रहे थे। इससे मरीजों को परेशानी उठाना पड़ रही थी। इसके चलते बैठक में वापस पार्किंग ठेका का टेंडर जारी करने का निर्णय लिया है। टेंडर में संबंधित ठेकेदार से १५ प्रतिशत राशि जमा कराई जाएगी। साफ-सफाई पर भी विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है।

१५० गांव है आश्रित
आष्टा ब्लॉक में सिविल अस्पताल ही सबसे बड़ा अस्पताल होने के कारण इसमें आष्टा सहित आसपास के १५० गांव के लोग बीमार होने पर आश्रित है। अभी की स्थिति में उनको सिवाय पीड़ा के कुछ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में संसाधन से लेकर सुविधाओं का टोटा है। रोकस की बैठक में लिए निर्णय पर अमल हुआ तो काफी हद तक बदलाव आ सकता है।

यह लिए प्रमुख निर्णय
- मरीज से अटेंडर का मिलने दोपहर एक से ४ बजे का समय रहेगा।
- एक मरीज के पास एक अटेंडर रहेगा।
- हर्बल पार्क का जल्द ही टेंडर जारी किया जाएगा।
- डिजीटल एक्सरे कराने मरीज को न्यूनतम शुल्क १०० रुपए देना रहेगा।
- दो नई एंबुलेंस का प्रस्ताव शासन के पास भेजा जाएगा।
- लंबें समय से बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन को चालू किया जाएगा।
- रोकस से होने वाली प्रतिदिन की आय को बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
- महिला-पुरूष डॉक्टर की संख्या बढ़ाने शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
निर्देश दिए हैं
अस्पताल में पहले व्यस्वस्था ठीक नहीं थी, उसे सुधारने की कवायद की जा रही है। प्रबंधन को इसे लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी व्यवस्था में बदलाव नहीं आया तो कार्रवाई की जाएगी।
रघुनाथ सिंह मालवीय, विधायक आष्टा