
12 साल से सरकारी आॅफिसों, मंदिरों, गांवों को हरा भरा कर रहे एडवोकेट धीरज, चार एकड़ जमीन पर बनाई नर्सरी
सीहोर। जहां एकएक इंच जमीन के लिए खून-खराबा तक हो जाता हो उसी समाज में कोई व्यक्ति चार एकड़ का फार्म हाउस पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित कर दे तो सुनने वाला जरुर ‘वाह’ कह उठेगा। सीहोर जिला के एडवोकेट धीरज धारवा भी अपनी पीढ़ियों को प्रकृति को संवारने का वह सबक दे रहे जो शायद हर इंसान को इससे सीखना होगा।
प्रकृति को हरा भरा रखने का जुनून मन में पाले आष्ठा के एडवोकेट धीरज धारवां विकास के नाम पर पेड़-पौधों को काटने से बेहद चिंतित हैं। वह इसको रोक तो नहीं सकते तो इसके लिए एक उपाय मन में सूझा। उन्होंने पौधा लगाना शुरू कर दिया।
करीब 12 साल पहले शुरू किए गए इस अभियान का साक्षी अब पूरा जिला है। एडवोकेट धीरज धारवां अभी तक छह हजार से अधिक पौधा लगा चुके हैं। धीरज अपने आसपास के 25 गांवों में पौधारोपण कर उसे हरा भरा रखने का संकल्प सबसे करा रहे।
वह याद करते हुए बताते हैं कि 13 अप्रैल 2008 को सबसे पहला पौधा उन्होंने लगाया था। इसके बाद सबसे पहले सरकारी दफ्तरों के परिसर में पौधारोपण का अभियान चलाया। आष्टा की अदालत, लाइब्रेरी, जनपद पंचायत हर जगह को हरा भरा करने के लिए पौधारोपण किया और उसकी देखभाल लगातार करते रहे।
आज की तारीख में वह विकास खंड के सभी सरकारी दफ्तरों, क्षेत्र के सभी मंदिरों, 25 गांवों को हरा भरा करने में सहयोग कर चुके हैं।
वह बताते हैं कि आष्टा बायपास पर चार एकड़ का फार्म हाउस है। यहीं पर उनकी नर्सरी है। यहां पीपल, गुलमोहर, जामुन, आम आदि पौधा तैयार करते हैं। इन पौधों को क्षेत्र के चयनित स्थानों पर लगाया जाता है। सबसे खास बात यह कि वह खुद तो बिना शुल्क लिए पौधा लगाते हैं दूसरों को भी फ्री में ही पौधा उपलब्ध कराते हैं।
वह बताते हैं कि 12 साल की मेहनत का नतीजा यह है कि अब लोग अपने खाली परिसर में विभिन्न पेड़-पौधे लगाकर आसपास के क्षेत्रों को स्वयं हराभरा रखने के लिए पहल करते नजर आ रहे हैं।
Updated on:
05 Jun 2020 04:19 pm
Published on:
05 Jun 2020 04:09 pm
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