सिवनी. श्रीमद् भागवत कथा सभी जीवों का कल्याण करती है। देवभूमि भारत में जन्म लेकर भी जो मनुष्य इस पुण्य कथा का श्रवण न कर पाएं, तो उनका जीवन ही व्यर्थ है। कथा सत्संग में आना तभी सार्थक होगा, जब हम देवताओं एवं महापुरुषों के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं। उक्ताशय की बात विकासखण्ड केवलारी के ग्राम पंचायत पांजरा में जारी श्रीमद्भागवत कथा में बनारस से आए कथा वाचक हितेन्द्र शास्त्री ने श्रद्धालुजनों से कही।
कथा के प्रारम्भ से पहले मंगलवार को गांव में कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें बच्चे व महिलाएं सिर पर कलश लेकर शामिल हुई।
उन्होंने आगे कहा कि जिस प्रकार गंगा, जमुना और सरस्वती का संगम है, उसी प्रकार श्रीमद्भागवत ज्ञान वैराग्य का संगम है। गंगा में नहाने के बाद पुण्य की प्राप्ति होती है। भागवत कथा श्रवण करने से सारे तीर्थों का फल मिलता है। जितने भी पुराण हुए हैं उनका तिलक भागवत गीता है। जो व्यक्ति कथा श्रवण व आयोजन कराता है वह जीवन में कभी कष्ट नहीं झेलता। जहां भगवान की कथा होती है, वहां भगवान स्वयं प्रकट हो जाते हैं। जो भक्त ध्यानपूर्वक कथा का श्रवण करते हैं, भगवान उनकी मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं।