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जन्मजात विकृत बच्चों को मिला नया जीवन

एक माह में टीम ने की 16 सर्जरी

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Santosh Dubey

Sep 08, 2016

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सिवनी. गोपालगंज विकासखण्ड के अन्तर्गत आने गांव में आरबीएसके टीम के द्वारा भ्रमण कर जन्मजात विकृति से ग्रसित बच्चों को स्वास्थ परीक्षण कर चिन्हित कर जन्मजात विकृति के बच्चों की हर माह सर्जरी करवाई जा रही है आरबीएसके टीम की मेहनत रंग ला रही हैं। टीम ने एक माह में 16 बच्चों की सर्जरी करवाई है जिसने 8 बच्चों की हार्ट सर्जरी 5 बच्चों के पैरो की सर्जरी हुई हैं।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले के गोपालगंज विकासखण्ड में कार्यरत आरबीएसके टीम ने स्कूल एवं आंगनबाड़ी में भ्रमण कर 0 से 18 वर्ष के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत चिन्हित गंभीर बिमारी से पीडि़त बच्चो का शासन से नि:शुल्क उपचार एवं सर्जरी करवाई जा रही है।
गोपालगंज में पदस्थ डॉ. शिवानी निषाद एवं डॉ. तारेन्द्र डहेरिया ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य विकलांगता सहित जन्मदोष रोग, कमियां विकास में देरी का जल्दी पता लगाकर समय रहते उपचार करवाकर बच्चों के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है। एक माह में 16 बच्चों की सर्जरी नागपुर और जबलपुर के चिकित्सालयों में करवाई गई है। जिनमें अजय पिता हेमराज (9), लोकेश पिता रामचरण (15), मानसी पिता कृष्ण बिहारी (3), अम्बिका पिता संतोष (6), यश्मी पिता मंजू प्रसाद (5), दंशाक पिता सूरज (11) दीपक पिता रामसिंह (10), प्रेम पिता राधेश्याम (6) वर्ष, रोहित पिता सतीश (3), गेदंलाल पिता सियाराम (10), अभिषेक पिता गिरधारी (8), सुमत्रा पिता गिरधारी (3), जितेन्द्र पिता रमाकांत (17) का उपचार किया गया।
बच्चों के पालकों एवं परिवारजनों ने बताया कि उन्हें अपने बच्चों के इलाज के लिए अस्पतालों मे यहां-वहां भटकना पड़ता था। रुपए के अभाव मे उनके बच्चे इलाज से वंचित थे बड़े अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज के लिए कहीं गरीबी रेखा का कार्ड तो कहीं राशन कार्ड की आवश्यकता होती थी। इन सब दस्तावेजों के अभाव मे नि:शुल्क इलाज संभव ही नही था। अस्पतालों मे इलाज के लिए लम्बी कतारों के बाद भी सही इलाज नही मिल पाता था उन्हे कई तरह की मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस योजना के जरिए न सिर्फ उनके बच्चों का आपरेशन हुआ बल्कि उन्हें किसी तरह की मानसिक और आर्थिक परेशानियां भी नही उठानी पड़ी।

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