सिवनी. जिन्होंने अपने बच्चों, नाती-पोतों की खुशहाली के लिए स्वयं के घर में भगवान गणेश की स्थापना की, पूजन-पाठ, आरती, भजन-कीर्तन किया। उम्र दराज हो चले वृद्धजनों का न तो उनका घर रहा और न ही बच्चे लेकिन वृद्धाश्रम में रहने के बावजूद उन्होंने भगवान को नहीं भूला। यहां सभी ने मिलकर गणेश प्रतिमा की स्थापना की और रोज सुबह-शाम बाजे-गाजे के साथ पूजन-आरती ही नहीं अपितु शाम होते ही रोज इनकी मण्डली बैठती है और सब डूब जाते हैं भक्ति रस में।
नगर के बारापत्थर डीईओ के निकट स्थित स्नेह सदन वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धजनों ने प्रथम पूज्यनीय बुद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा की विधि-विधान से स्थापना की। यहां सभी सुबह से आरती करने के लिए वृद्धजन बड़े ही उत्साह के साथ जल्दी-जल्दी स्नान कर गणेशजी की आरती करते हैं। वहीं शाम होते ही वृद्ध महिला-पुरुषों की मण्डली बैठती है और भजनों का दौर चलता है इसके बाद शाम की आरती कर प्रसाद वितरण किया जाता है।
वृद्धाश्रम में रह रहे चंदौरीकला मुंगवानी निवासी हरचंद साहू (64) व छपारा निवासी श्रीचंद चौहान (70), केशराम साहू (70) टिकारी ने बताया कि लगभग 10 साल पहले परिजनों के साथ जब घर पर ही गणेश की स्थापना की जाती थी तब आसपास के लोग भी आरती करने बड़ी संख्या में मौजूद होते थे। गणेश पर्व का माहौल देखते ही बनता था। 10 दिनों तक धर्ममय वातावरण बने रहने व गणेश विसर्जन पर घर ही नहीं आसपास के लोग बड़े ही भावुक क्षणों के बीच गणपति को विदाई देते थे। पुराने दिन भुलाए नहीं भूलते और भले ही अपने हमें भूल जाए लेकिन भगवान को हम कैसे भुला सकते हैं।
स्नेह सदन वृद्धाश्रम में रह रहे दशरथलाल कुमरे, श्रीराम निर्मलकर, जगधन जंघेला, सत्यप्रकाश अग्रवाल, श्रीचंद चौहान, केशराम साहू, मंगल विश्वकर्मा, सुखमन परते, शिवचरण किरार, हरिचंद साहू, लीलाबाई प्रजापति, ्नारकली बाई, सागनबाई, रामप्यारीबाई, फूलनाबाई साहू, गोमतिया बाई, सुरमन पारधी, सुखमनी बाई उइके, चंद्रबाई साहू, त्रिवेणी भगत व स्टाफ के शैलेन्द्र रतले, एसके झारखडिया, अमिता यादव, भारतीय गोखले, कृष्ण कुमार प्रजापति सभी लोग बड़े ही भक्तिभाव से गणपति की पूजा पाठ नियमित रूप से कर रहे हैं।