
सिवनी. गुरु पूर्णिमा इस बार खास संयोग में गुरुवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। दूर-दराज से शिष्य अपने गुरुओं से मिलने पहुंचेंगे। वहीं कई शिष्य विभिन्न जगहों पर रह रहे अपने गुरु से मिलने के लिए रवाना भी हो चुके हैं। इस बार गुरु पूर्णिमा काफी खास है। इस दिन इंद्र योग बन रहा है। इंद्र योग सुबह से लेकर रात 9 बजकर 38 के लगभग तक रहेगा। उसके बाद से वैधृति योग बनेगा। साथ ही भद्रा का भी असर रहेगा, लेकिन यह भद्रा पाताल लोक में रहने के कारण इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं इस बार गुरुवार के दिन ही गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। गुरुवार और गुरु पूर्णिमा का संयोग अत्यंत दुर्लभ और अत्यधिक शुभ माना जाता है। पंडित राकेश पाण्डे के अनुसार गुरुवार बृहस्पति ग्रह और विष्णु भगवान को समर्पित दिन होता है और गुरु पूर्णिमा ज्ञान, उपासना और श्रद्धा का पर्व है। यह दोनों जब एक साथ आते हैं तो यह काल धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सर्वश्रेष्ठ हो जाता है। इस विशेष दिन श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करने से जीवन के सभी क्षेत्रों में चमत्कारिक सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। पूर्णिमा की तिथि हर महीने आती है, लेकिन साल की कुछ पूर्णिमा तिथि पूजापाठ और अनुष्ठान के लिए विशेष मानी जाती है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा भी उनमें से एक होती है। इस वक्त भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और गुरु पूर्णिमा पर उनके ही स्वरूप सत्यनारायण भगवान की पूजा करने से घर में सुख शांति स्थापित होती है और पारिवारिक क्लेश दूर होते हैं।
गुरु के आशीर्वाद से सुख-समृद्धि
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के महत्व का विशेष रूप से वर्णन किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ इस दिन को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल इसी दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने महाकाव्य महाभारत की रचना की थी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन वेद व्यास जी ने चारों वेदों की रचना की थी। इस दिन गुरु अपने शिष्यों को दीक्षा भी देते हैं। इस दिन सभी लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं।
घर में सुख, शांति और सौभाग्य का वास
गुरु पूर्णिमा का दिन अध्यात्म, श्रद्धा और आत्मविकास का पर्व है। गुरुवार बृहस्पति देव का दिन होता है जो धर्म, नीति और सुख-शांति के प्रतीक हैं। इस विशेष दिन घर में श्री सत्यनारायण भगवान की कथा करवाने से न केवल वातावरण में सात्विकता और सकारात्मक ऊर्जा आती है, बल्कि घर में लड़ाई-झगड़े, तनाव और क्लेश जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। यह पूजा गृहस्थ जीवन में समझदारी, सौहार्द और परस्पर प्रेम को बढ़ावा देती है। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य में भी सुधार देखा जा सकता है।
Published on:
09 Jul 2025 10:16 am
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