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Patrika campaign: श्रमदान करने उठे सैकड़ों हाथ, तालाब में ही कुंड बनाने की उठी आवाज

पत्रिका अभियान के तहत मठ मंदिर तालाब की हुई सफाई

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सिवनी. जिले के सबसे प्राचीन, ऐतिहासिक मंदिरों में से एक मठ मंदिर तालाब घाट की सफाई के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। महज कुछ ही देर में घाट पर काफी मात्रा में पूजन सामग्री निकाली गई। पत्रिका द्वारा जलश्रोतों के संरक्षण और उन्हें सहेजने के लिए ‘अमृतम् जलम्’ महाअभियान के तहत शनिवार को मप्र जन अभियान परिषद एवं आमजन के सहयोग से मठ मंदिर तालाब में श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुबह 7 बजे से आयोजित कार्यक्रम में शहरवासियों में भागीरथ बनने की होड़ इस कदर दिखाई दी कि वे समय से पहले ही स्थल पर पहुंच गए। एक के बाद एक लोगों का आने का सिलसिला चलता रहा और श्रमदान करने वालों के हाथ बढ़ते गए। हर एक व्यक्ति श्रमदान के लिए आतुर दिखाई दिया। घाट किनारे सफाई करने के लिए काफी संख्या में लोग जुटे। सभी का कहना था कि प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी पत्रिका की चलाई जाने वाली यह मुहिम जल संरक्षण की दिशा में मिल का पत्थर साबित होगी। उन्होंने अभियान को सराहा। लगभग एक घंटे घाट की सफाई की गई। इस नेक काम में नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों ने भी शहरवासियों के साथ कदम से कदम मिलाया और अभियान को सफल बनाने में जुटे। लोगों ने हाथों में तसला और फावड़ा लेकर सफाई की। श्रमदान के बाद उपस्थितजनों ने जीवन के अंतिम सांस तक जलश्रोतों का संरक्षण करने का संकल्प लिया।

पूजन सामग्री डाल रहे लोग
हजारों लोगों के आस्था का केन्द्र मठ मंदिर में समय-समय पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां आमदिनों में भी भक्तों की अच्छी भीड़ होती है। मंदिर से लगे तालाब में लोग ज्वारे विसर्जन, पूजन सामग्री, प्रतिमा विसर्जन करते हैं। सफाई न होने से तालाब घाट पर काफी पूजन सामग्री एकत्रित हो गई है। तालाब में काई व जलकुंभी भी है। यह जल की गुणवत्ता को भी कम करता है। सामाजिक सरोकार के तहत हर साल की तरह इस बार भी जलस्रोत को संवारने का बीड़ा ‘पत्रिका’ ने उठाया है।

कुंड बनाने की उठी मांग
श्रमदान करने के बाद लोगों ने अपने विचार भी रखे। उनका कहना था कि ऐसी धारणा है कि जल में ही पूजन सामग्री का विसर्जन किया जाए। ऐसे में नगर पालिका को सभी के धार्मिक भावनाओं का ध्यान में रखते हुए तालाब में ही कुंड बनाना चाहिए।

ये लोग रहे मौजूद
श्रमदान करने वालों में डीपी चतुर्वेदी कॉलेज के डायरेक्टर केके चतुर्वेदी, नगर पालिका सभापति राजिक अकील, वार्ड पार्षद राजू यादव, शिव सेंगर, जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक सौरव शुक्ला, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. पारस पटेरिया, डॉ. भूपेन्द्र मिश्रा, डॉ. सनोडिया, एमएसडब्ल्यू एवं बीएसडब्ल्यू के विद्यार्थी, नगर पालिका की टीम सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

इनका कहना है…
हमें बूंद-बूंद की महत्ता को समझना होगा। पत्रिका का अभियान सराहनीय है। इससे लोगों को जुडऩा चाहिए और जल संरक्षण करना चाहिए।
राजीक अकील, स्वास्थ्य सभापति, नगर पालिका

आज श्रमदान करके काफी अच्छा लग रहा है। मैं सबसे कहूंगी कि वे नदी, तालाबों को संरक्षित करें। इसमें गंदगी न फैलाएं। जल है तो ही कल है।
मुस्कान विश्वकर्मा, छात्रा

हर व्यक्ति को जलसंरक्षण एवं जल स्त्रोतों के संरक्षण के लिए आगे आना चाहिए। पत्रिका का अभियान सराहनीय है। ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए।
स्मिता साहू, छात्रा

हमलोगों ने यहां श्रमदान कर दिया, लेकिन फिर यहां सामग्री एकत्रित हो जाएगी। लोगों को भी जागरूक होना पड़ेगा। तभी हमारा शहर स्वच्छ बनेगा।
अंजना मालवी, छात्रा

पत्रिका के इस अभियान से मैं काफी पहले से जुड़ा हुआ हूं। मैं इसकी पूरी प्रशंसा करता हूं। तालाब में ही कुंड बनाने की जरूरत है। जिससे लोग बाहर सामग्री न फेंके।
केके चतुर्वेदी, डायरेक्टर, केके चतुर्वेदी कॉलेज

पत्रिका की सफाई को लेकर बहुत अच्छी पहल है। आमलोगों को एक बड़ा संदेश जाएगा। मैं भी अपील करता हूं कि लोग जल की महत्ता को समझें।
राजू यादव, पार्षद

प्राचीन, ऐतिहासिक मठ तालाब में हमसभी लोग एकत्रित होकर स्वच्छता कार्य किया है। मेरी अपील है कि कचरे को जल में न डालें। इससे हमारा तालाब स्वच्छ बन जाएगा।
सौरभ शुक्ला, जिला समन्वयक

मठ तालाब को संरक्षित करने के लि पत्रिका का बहुत सुंदर प्रयास है। इससे निसंदेह लोगों में जागरूकता आएगी। ऐसा पहल होते रहना चाहिए।
डॉ. पारस पटेरिया, बाल रोग विशेषज्