
बच्चों को पढ़ाने में आ रहा कितना खर्च? (Image Source: AI)
सिवनी. जिले सहित प्रदेश के कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन ऑनलाइन माध्यम से किए जाने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग अब तक कोई फैसला नहीं ले पाया है। पिछले वर्ष विभाग ने राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय, छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के सभी 8 पारंपरिक विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी थी। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हालांकि अगर यह लागू हो जाता तो विश्वविद्यालय से संबंद्ध सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट के कॉलेजों के विद्यार्थियों को काफी फायदा होता। विश्वविद्यालय में टीचिंग डिपार्टमेंट भी शुरु हो चुका है। संसाधन भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि ऑनलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कर्मचारी की नियुक्ति एवं 60 से 70 स्कैनर, कम्प्यूटर सिस्टम सहित अन्य संसाधनों की जरूरत होगी। विश्वविद्यालय इन संसाधन को जुटाकर ऑनलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करा सकता है। दरअसल प्रदेश के लगभग सभी विश्वविद्यालय में हर वर्ष परीक्षाएं देरी से हो रही हैं। वहीं रिजल्ट भी देरी से जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा एटीकेटी सहित परीक्षा परिणाम समय पर देने में विश्वविद्यालय खरा नहीं उतर पा रहा है। उत्तरपुस्तिकाओं को व्यवस्थित करने में भी अक्सर विश्वविद्यालयों को परेशानी होती है। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग आयुक्त ने इन व्यवस्थाओं को सुधारने की जरूरत समझी और ऑनलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय से जानकारी मांगी थी।
विद्यार्थियों को होगा यह फायदा
राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरु होने से सिवनी सहित अन्य जिलों के हजारों विद्यार्थियों को काफी राहत हो जाएगी। कॉलेज में अध्ययनरत विद्यार्थियों को परीक्षा देने के बाद अधिक समय तक रिजल्ट के लिए इंतजार नहीं करना होगा। समय पर परीक्षा के बाद समय पर रिजल्ट भी जारी हो जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय का ट्रांसपोर्टेशन का खर्च भी काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में सालाना 60 से 70 लाख रुपए केवल इसी में खर्च होता है। सबसे बड़ी बात यह है कि मूल्यांकन का दायरा बढ़ जाएगा। अब तक विश्वविद्यालय उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन सिवनी, बालाघाट, बैतूल एवं छिंदवाड़ा जिले में कराता था, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से अब देश के किसी भी कोने में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन हो सकेगा। सबसे बड़ी बात यह है कि कोडिंग सिस्टम होने से गोपनीयता भी बनी रहेगी। ऑफलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन होने पर गोपनीयता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।
प्रदेश के किसी भी विवि में नहीं
प्रदेश में आठ पारंपरिक विश्वविद्यालय हैं। इसमें राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा, बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, महाराजा छत्रसाल बुंंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर शामिल हैं। अभी तक किसी भी विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हो रहा है। हालांकि समय पर रिजल्ट देने की चुनौती की वजह से विभाग को व्यवस्था में परिवर्तन करना होगा।
महाराष्ट्र में प्रयोग हो चुका है सफल
महाराष्ट्र में अधिकतर विश्वविद्यालय में ऑनलाइन माध्यम से ही उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। यह प्रयोग सफल भी हो चुका है। विद्यार्थियों को समय पर रिजल्ट मिल जाता है।
इनका कहना है…
उच्च शिक्षा विभाग ने उत्तरपुस्तिकाओं के ऑनलाइन मूल्यांकन की जानकारी पिछले वर्ष मांगी थी। विभाग स्तर से ही इस पर निर्णय होना है। यह विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थी दोनों के लिए फायदेमंद है।
डॉ. धनाराम उइके, परीक्षा नियंत्रक, आरएसएस विवि, छिंदवाड़ा
Published on:
09 Oct 2025 03:43 pm
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