
सिवनी. पीएचडी को लेकर अब जिले के विद्यार्थियों को बड़े शहरों की तरफ दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय ने संबद्ध सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, बैतूल जिले के विद्यार्थियों को पीएचडी के क्षेत्र में बड़ी सहूलियत दे दी है। विश्वविद्यालय इस बार 16 विषयों में पीएचडी कराने जा रहा है। इससे पीएचडी करने की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को बड़ी सहूलियत हो जाएगी। विश्वविद्यालय ने सत्र 2024-25 में 16 विषयों(हिन्दी साहित्य, अंग्रेजी साहित्य, अर्थशास्त्र, भूगोल, इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र, पुस्तकालय एवं सूचना प्रोद्योगिकी, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, प्राणीशास्त्र, वनस्पति शास्त्र, वाणिज्य संस्कृत, गणित एवं बायोटेक्नोलॉजी) में पीएचडी प्रवेश परीक्षा हेतु परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि भी घोषित कर दी है। प्रक्रिया 15 जनवरी से शुरु भी हो चुकी है। पीएचडी हेतू इच्छुक विद्यार्थी एमपी ऑनलाइन के माध्यम से 17 मार्च तक परीक्षा फॉर्म भर सकते हैं।
दो विषय से हुई शुरुआत
राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय ने वर्ष 2023 में महज दो विषय(भूगोल एवं राजनीतिक शास्त्र) विषय के लिए शोध केन्द्र बनाया था। दोनों ही केन्द्र छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज में बनाया गया था। प्रवेश परीक्षा, इंटरव्यू के बाद कोर्स वर्क चल रहा है। हालांकि इस बार विश्वविद्यालय ने इसमें विस्तार कर दिया है। 16 विषयों में पीएचडी कराने जा रहा है।
कॉलेजों से मांगा गया था आवेदन
विश्वविद्यालय ने सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना, बैतूल जिले के कॉलेजों से शोध केन्द्र के लिए आवेदन मांगा था। हालांकि सिवनी जिले से बहुत कम कॉलेजों ने शोध केन्द्र के लिए दिलचस्पी दिखाई। जिन्होंने दिखाई उसमें से कुछ ही नियमों पर खरे उतर सके। निरीक्षण के बाद विश्वविद्यालय ने इन कॉलेज में शोध केन्द्र के लिए अनुमति दी। हालांकि छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज में सबसे अधिक 10 विषयों में शोध केन्द्र बनाया गया है। जबकि बालाघाट में कॉमर्स, बरघाट में लाइब्रेरी साइंस, छिंदवाड़ा के गल्र्स कॉलेज में प्राणी शास्त्र, हिन्दी साहित्य विषय में एवं सिवनी में हिन्दी साहित्य, वनस्पति विज्ञान विषय में शोध केन्द्र बनाया गया है। इसके अलावा अन्य कॉलेजों में शोध केन्द्र बनाए गए हैं।
एक ही जगह होगा कोर्स वर्क
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कॉलेजों में भले ही एक ही विषय में शोध केन्द्र अलग-अलग जगह बनाए गए हैं, लेकिन कोर्स वर्क एक ही जगह होगा। इससे विद्यार्थियों को कोई समस्या नहीं होगी।
तीन हजार लग रही फीस
पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए विश्वविद्यालय द्वारा तीन हजार रुपए फीस ली जा रही है। प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद इंटरव्यू और फिर फाइनल लिस्ट बनेगी। इसके बाद कोर्स वर्क और फिर आरडीसी के साथ टॉपिक डिसाइड हो जाएगा। पीएचडी तीन वर्ष में पूरी करनी होगी। विश्वविद्यालय दूसरी बार प्रवेश परीक्षा आयोजित कर रहा है।
इनका कहना है…
पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। इस बार प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाएगी। 15 मार्च तक परीक्षा फॉर्म भरना है।
डॉ. जेके वाहने, अकादमिक प्रभारी,
Published on:
14 Feb 2025 12:19 pm
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