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परिजन खुद धकेल रहे स्ट्रेचर

sनहीं मिल रहीं सुविधाएं, मरीज हो रहे परेशान, सीसीटीवी फुटेज नहीं देख रहे अधिकारी

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Santosh Dubey

Sep 01, 2016

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सिवनी. चार सौ बिस्तर वाले अस्पताल परिसर में नई बिल्डिंग, कमरों व वार्डों की भरमार है। कई वार्डों में एलसीटीवी, अत्याधुनिक उपकरण, सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। मरीजों के लिए दवाएं और नास्ता, भोजन की कोई कमी नही है। साफ-सफाई के लिए लाखों का ठेका है। इन सबके बावजूद बेपरवाह स्वास्थ्य प्रशासन के कारण कदम-कदम पर मरीज और उनके परिजन हलाकान होते नजर आते हैं।

बुधवार को जिला अस्पताल में भर्ती महिला मरीज को वार्ड से बाहर निकालने के लिए वार्ड में पदस्थ स्वास्थ्य कर्मी ने मरीज को स्ट्रेचर में डाल तो दिया लेकिन उसे बाहर तक निकालने के लिए स्ट्रेचर को अनुभवहीन मरीज के परिजनों के हाथ में थमा दिया। ऊपर से नीचे तक और गेट के बाहर अस्पताल परिसर में जहां वाहन खड़े थे वहां तक किसी तरह से स्ट्रेचर खींच कर ले गए।

इसी प्रकार अस्पताल की मुख्य ओपीडी में हाथ, पैर के दर्द से कराह रहा 75 साल के मरीज जो अपने बलबूते एक कदम चलने में असमर्थ था उसे उसके नाती राहूल बघेल ने सहारा देकर धीरे-धीरे अस्पताल के अंदर ले गया। गेट के पास न तो मरीज को ले जाने के लिए व्हीलचेयर थी और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी।
कलेक्ट्रेट में फरियाद के बाद किया भर्ती
पैर के दर्द से परेशानी गोपालगंज निवासी रामकली बाई (50) का जब जिला अस्पताल के ड़ॉक्टरों ने उपचार करने में आनाकानी की तो रामकली के पुत्र बेनीराम चंद्रवंशी को अपनी मां को साथ लेकर कलेक्ट्रेट जाने मजबूर होना पड़ा। कलेक्टर से फरियाद लगाने और आदेश के बाद रामकली बाई के पैर का ऑपरेशन किए जाने के लिए डॉक्टरों ने भर्ती किया।
इसी प्रकार बुधवार को ग्राम बोरदई, कटंगी रोड निवासी रफीक खान बुखार से पीडि़त अपने 11 वर्षीय पुत्र को गोद में लेकर उपचार कराने के लिए यहां से वहां घूमता रहा। बच्चों के डॉक्टर की तलाश में ओपीडी से लेकर अस्पताल के अन्य कमरों में परेशान रफीक खान यहां से वहां काफी देर तक घूमता रहा साथ ही उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन कक्ष में भी सिविल सर्जन और किसी एक भी डॉक्टर की मौजूदगी नहीं रहने से उसकी परेशानी और भी बढ़ गई।
यहां पहुंचने वाले परेशान मरीजों की संख्या इक्का-दुक्का नहीं है अपितु अधिकांश मरीज और उनके परिजन ओपीडी में समय पर सीनियर डॉक्टरों अनुपस्थिति, वार्डों में दवाओं के नहीं रहने से बाहर से दवाओं की खरीदारी की मजबूर तो कभी सोनोग्राफी, ईजीसी, एक्स-रे की समस्या से मरीज बाहरी जांच कराकर लुट रहे हैं।
आरएमओ को लगाई है फटकार
अस्पताल में अव्यवस्थाओं के लिए आरएमओ को फटकार लगाई है। लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए जाने के लिए निरंतर प्रयास रहते हैं।
डॉ. पुष्पा तेकाम
सिविल सर्जन, सिवनी।


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