सिवनी. पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने बफर क्षेत्र एवं बफर क्षेत्र के बाहर के गांवों में ग्रामीणों से बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजन करने की अभिनव पहल की है। प्रबंधन का मानना है कि इससे ग्रामीणों से बातचीत का दायरा भी व्यापक होगा और शिविर से ग्रामीणों को स्वस्थ्य भी बनाया जा सकेगा। दरअसल अक्सर यह देखने में आता है कि पेंच प्रबंधन एवं ग्रामीणों में बेहतर संवाद न होने से स्थिति बिगड़ती है। बाघ के मूवमेंट की सूचना नहीं मिल पाती या फिर प्रबंधन को अन्य व्यवस्था बनाने में मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में जरूरी है कि गांव एवं पेंच प्रबंधन के बीच बेहतर तालमेल हो, जिससे भविष्य में आने वाली किसी भी परेशानी को पहले ही समझ कर दूर किया जा सके। पेंच टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में 107 गांव है और बफर क्षेत्र के बाहर के 23 और ऐसे गांव हैं जिनकी समितियां पेंच टाइगर रिजर्व से सबंद्ध है। पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व में 130 इको विकास समितियां है और इनसे जुड़े ग्रामीण प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेंच प्रबंधन से जुड़ाव महसूस करते हैं। इनमें से अधिकांश गांव अत्यंत दुर्गम वन क्षेत्र में है और इसीलिए इनमें स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता नगण्य है। इन ग्रामों और इनमें रहने वाले ग्रामीणों की इसी कठिनाई को समझते हुए पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने यूनिटी बैंक ऑफ स्मॉल फाइनेंस और आशा हॉस्पिटल, कामठी के साथ मिलकर ग्रामों में लगने वाले एक दिवसीय स्वास्थ्य चेकअप एवं दवाई वितरण वाले स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की है।
प्रथम चरण में लगाए गए थे 39 स्वास्थ्य शिविर
कार्यक्रम का प्रथम चरण दिसंबर एवं जनवरी माह में आयोजित किया गया था। 112 ग्रामों में समूह बनाकर 39 स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे और उन शिविर में 3145 रोगियों का परीक्षण कर उन्हें दवाई वितरित की गई थी। इस स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवाई वितरण कार्यक्रम का द्वितीय चरण मई माह के अंतिम सप्ताह से शुरू हुआ और वर्तमान में चल रहा है।
अब महिला डॉक्टर भी कर रही जांच
पेंच टाइगर रिजर्व ने प्रथम चरण में महिला डॉक्टर को शामिल नहीं किया था। इससे शिविर से काफी महिलाओं ने दूरी बनाई। हालांकि द्वितीय चरण में स्वास्थ्य परीक्षण एवं दवाई वितरण शिविर में महिला डॉक्टर शामिल किया गया है। ग्रामों में इस प्रकार से समूह बनाए गए हैं कि ग्रामीणों को स्वास्थ्य शिविर में पहुंचने के लिए 2 किलोमीटर से ज्यादा ना जाना पड़े। द्वितीय चरण में 27 ग्रामों हेतु 14 शिविर पूर्ण हो चुके हैं और अभी 1076 रोगियों का परीक्षण कर दवा का वितरण किया जा चुका है। द्वितीय चरण की विशेष बात यह है कि महिला डॉक्टर की उपस्थिति के कारण शिविर में महिलाओं की उपस्थिति अपेक्षाकृत अधिक है। इसके अतिरिक्त प्रथम चरण में जहां प्रति गांव उपचार का लाभ लेने वाले ग्रामीणों की संख्या 28 थी, वहीं अभी तक दूसरे चरण में प्रति ग्राम उपचार लेने वाले ग्रामीणों की संख्या 39 है।
इनका कहना है…
यूनिटी बैंक, अस्पताल सहित अन्य संस्थाओं के सहयोग से गांवों में स्वास्थ्य शिविर लगाया जा रहा है। इससे निसंदेह ग्रामीणों से बातचीत का दायरा बढ़ रहा है और उनसे बेहतर संबंध भी स्थापित हो रहे हैं। कई जरूरी बातों का आदान-प्रदान भी हो रहा है।
रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच टाइगर रिजर्व
Published on:
18 Jun 2025 11:08 am