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Health: रक्तदान करने में आगे नहीं आ रहे लोग, इमरजेंसी में होती है दिक्कत

जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में 450 यूनिट ब्लड स्टोरेज की क्षमता

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तेईस साल का इंतजार खत्म, ब्लड बैंक को मिला लाइसेंस

जिला अस्पताल में संचालित ब्लड बैंक

सिवनी. रक्तदान महादान का नारा देने सभी आगे आते हैं, लेकिन रक्तदान की बारी आती है तो कई लोग पैर पीछे खींच लेते हैं। यही वजह है कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रक्तदान की प्रयाप्त पूर्ति नहीं हो पा रही है। हालात यह है कि कभी-कभी ब्लड की कमी से मरीजों की जान पर बन आती है। सबसे बड़ी समस्या तो उन लोगों के साथ होती है जिनका ब्लड ग्रुप निगेटिव है। उन्हें या तो उनको, उनके ग्रुप की तरह डोनर चाहिए होता है या फिर लंबा इंतजार करना होता है। यह समस्या काफी समय से बनी हुई है। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में रोजाना 20 से 25 यूनिट की डिमांड रहती है। यह संख्या सीजन के अनुसार घटती और बढ़ती रहती है। गर्मी के सीजन में बीमारियां अधिक होने पर डिमांड और बढ़ जाती है। खासकर सिकलसेल, एनीमिया के मरीज और गर्भवती महिलाओं केा ब्लड की ज्यादा जरूरत पड़ती है। ऐसे में रक्त नहीं होने की वजह से लोग परेशान होते हैं। और वे या तो वे प्राइवेट अस्पताल चले जाते हैं या फिर रेफर हो जाते हैं। यदि किसी व्यक्ति का ब्लड ग्रुप निगेटिव है तो जरूरत पडऩे पर उसे समस्या का सामना करना पड़ता है। अस्पताल के ब्लड बैंक में ए, बी और एबी निगेटिव ब्लड समूह का स्टॉक हमेशा कम ही रहता है। मुश्किल से एक या दो यूनिट ही रक्त रहता है। जबकि रिजर्व में भी स्टॉक रखना होता है।

यह है बड़ी समस्या
400 बेड के जिला अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीजों का आना-जाना रहता है। आए दिन ब्लड की कमी होने की वजह से काफी समस्या होती है। समस्या उन लोगों के साथ ज्यादा होती है जो कि ग्रामीण अंचल से आए हों। अस्पताल में प्रर्याप्त ब्लड मौजूद हो इसके लिए जरूरी है कि लोग जागरूक हों और समय-समय पर रक्तदान करते रहें। इसमें स्वास्थ्य विभाग को भी और अधिक सक्रियता दिखानी होगी। जिला अस्पताल ब्लड बैंक में 450 यूनिट ब्लड स्टोरेज की क्षमता है, लेकिन यहां कभी भी स्टोरेज पूरा नहीं भर पाया।

इनको अधिक रहती है जरूरत
जिला अस्पताल में सिकलसेल, कैंसर, थैलेसीमिया, गर्भवती महिलाएं काफी संख्या में आती हैं। इन्हें सबसे अधिक ब्लड की जरूरत होती है। इसके अलावा एक्सीडेंट में घायल या फिर अन्य किसी बीमारी वाले मरीजों को भी जरूरत पड़ती है। ब्लड बैंक में प्रर्याप्त ब्लड होने से इन्हें समय पर निशुल्क ब्लड मिल जाता है और मरीज की जान बच जाती है। वहीं अगर कोई निजी अस्पताल में भर्ती है तो उसे भी 1050 रुपए फीस लेकर ब्लड दिया जाता है।

एक यूनिट से बचती है तीन जिंदगी
डॉक्टरों के अनुसार एक यूनिट खून देने से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती हैं, ब्लड को रेड सेल्स, प्लाजमा और प्लेटलेट्स में बांटा जा सकता है। फिर भी लोग खून डोनेट करने को लेकर भ्रम में रहते हैं।

ब्लड डोनेशन से सेहत को कोई नुकसान नहीं
डॉक्टरों के अनुसार हर स्वस्थ्य आदमी को रक्तदान करना चाहिए। हमारी सेहत को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। हार्ट हेल्थ में सुधार होगा, आयरन लेवल सही रहने से दिल की बीमारियों का रिस्क कम होता है। एक बार ब्लड डोनेट करने से शरीर से लगभग 650 कैलोरी तक बर्न की जा सकती हैं, जिससे यह वेट लॉस में भी मदद करता है। रक्तदान के बाद हमारा शरीर नई रेड ब्लड सेल्स बनाता है, जिससे ब्लड सर्कूलेशन में सुधार होता है। रक्तदान करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और तनाव में भी कमी आती है।

ये लोग कर सकते हैं रक्तदान

  • जिन लोगों की आयु 18 से 65 वर्ष के बीच है और वह स्वस्थ है, तो ब्लड डोनेट कर सकता है। यदि किसी का वजन कम से कम 50 किलो या उससे ज्यादा है, तो रक्तदान किया जा सकता है।
  • रक्तदान से पहले भरपूर मात्रा में पानी पिएं और हल्का भोजन करें।

इनका कहना है…
जिला अस्पताल में आए दिन रक्त की कमी की समस्या आती है। लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक होना होगा। इसके फायदे ही हैं और नुकसान कुछ भी नहीं है। वर्तमान में ब्लड बैंक में 450 यूनिट ब्लड स्टोरेज की क्षमता है।
पी. सूर्या, आरएमओ, जिला अस्पताल