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शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले…

16 जनवरी 2001 को तीन आंतकियों को मौत के घाट उतारने के बाद कुमरे शहीद हुई थीं।

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Prashant Sahare

Jan 16, 2017

seoni

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सिवनी.
शहीदों की चिताओं पर हर बरस लगेंगे मेले.. वतन पर मरने वालों का बस यहीं निशां होगा... कुछ इसी तर्ज पर बरघाट की बेटी और अमर शहीद बिंदु कुमरे की पुण्यतिथि पर कई कार्यक्रमों का आयोजन आज किया जाएगा। तीन आंतकियों को खत्म कर खुद वीरगति पाने वाली शहीद बरघाट की बेची बिंदुबाला कुमरे की आज पुण्यतिथि है। 16 जनवरी 2001 को तीन आंतकियों को मौत के घाट उतारने के बाद कुमरे शहीद हुई थीं।

सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड के ग्राम जावरकाठी में जन्म लेने वाली अमर शहीद वीर वाला बिंदु कुमरे बचपन से ही खेल कूद में विशेष रुचि रखती थी। वह देश के लिए सेना में जाने का सपना बचपन से ही संजोए हुई थी और उनका सपना साकार भी हुआ। वह देश की सुरक्षा में आतंकवादियों से मरते दम तक लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश के लिए शहीद होकर कुर्बान हो गई।

अमर शहीद वीर वाला बिंदु कुमरे ने नौवी तक की पढ़ाई बरघाट में करने के बाद वह अपनी बड़ी बहन वैजयंती मार्को व जीजा एसएस मार्को के यहां पर रहकर दसवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई की। आगे की पढ़ाई करने के दौरान ही वर्ष 1997 में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की भर्ती में अमर शहीद वीर बाला बिंदु कुमरे का चयन 88 महिला बटालियन में हो गया था। इसके लिए ग्रुप सेंटर नीमच में मिला था वहीं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद जॉइनिंग आवारी सेक्टर चेन्नई (मद्रास) में की।

अमर शहीद वीर वाला बिंदु कमरे का जन्म सात अप्रैल 1970 को सिवनी जिले के बरघाट ब्लाक के ग्राम जावरकाठी में बिंदिया कुमरे एवं पिता शिवनाथ कुमरे के परिवार में इस बहादुर बेटी का जन्म हुआ था। बेटी को जन्म देने वाले माता-पिता को बेटा से भी बढ़कर प्रेम सेवा भाव की इच्छा रखने वाली बेटी बिंदु को पाकर माता पिता और पूरा परिवार प्रसन्नचित्त था। जावरकाठी की मिट्टी में पली-बढ़ी खेलते कूदते हुए अपना बचपन गुजारा और प्राथमिक शाला की पढ़ाई भी जावरकाठी ग्राम में ही प्राप्त की। उसके बाद कक्षा छठवीं से कक्षा नौवी तक की शिक्षा अमर शहीद वीर बाला बिंदु कमरे में बरघाट के शासकीय कन्या शाला में प्राप्त किया।

दो गोलियां लगने के बाद भी जारी रहा संघर्ष-

शैक्षणिक क्षेत्र में भी वह अमर शहीद वीर वाला बिंदू कुमरे ने तीन वर्ष तक श्रीनगर में देश की सेवा में बिताया था। वहीं 16 जनवरी 2001 को श्रीनगर एयरपोर्ट के गेट नंबर एक में अपनी चार महिला सैनिक साथियों के साथ सुरक्षा के लिए तैनात थीं। तभी अचानक तड़के लगभग 3.30 बजे करीब एयरपोर्ट पर हमला करने के उद्देश्य से प्रवेश करने वाले लश्कर, तैयबा के खुखार आतंकवादियों को रोकने एवं मुठभेड़ व संघर्ष में अमर शहीद वीर बाला बिंदु कुमरे को दो गोलियां लगीं थी, जो कि एक पसली में एवं एक गोली पैर में लगी थी लेकिन अमर शहीद बिंदु कुमरे ने भी तीन आतंकवादियो को मार गिराया था। वहीं गोली लगने से घायल हुई अमर शहीद वीर वाला बिंदु ने 16 घंटे तक जिंदगी व मौत का संघर्ष किया लेकिन वह देश के लिए कुर्बान हो गई।

तीन दिन होंगे पूण्यतिथि पर कार्यक्रम-

क्षेत्र में16 जनवरी दिन सोमवार को रंगोली व चित्रकला प्रतियोगिता सुबह नौ बजे से सदभावना साइकल रैली बरघाट से शहीद बिंदु कुमरे की जन्मस्थली जावरकाठी में शहीद स्मारक तक होगी। इसके बाद सुबह 11 बजे रक्तदान स्थान ग्राम पंचायत भवन जावरकाठी मे दोपहर 12 से सार्वजनिक पुस्तकालय का उद्घाटन स्थान जावरघाठी समय 4 बजे होगा।

17 जनवरी दिन मंगलवार मटकी फोड़ प्रतियोगिता 12 बजे होगी। इसके बाद बिंदी लगाओ प्रतियोगिता दोपहर एक बजे होगी। गुरुवार को देश के अमर शहीदों की याद में देशभक्ति गीतों का कार्यक्रम सुप्रसिद्ध गायकों द्वारा दोपहर दो बजे से ग्राम जावरकाठी में साथ ही गौरव सम्मान कार्यक्रम किया जाएगा।