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समय पर जांच से नियंत्रित किया जा सकता है सिकल सेल रोग

जिले में 1363 मरीज सिकल सेल से पीडि़त, 12552 लोगों को है बीमारी

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सिवनी. जिले के आदिवासी सहित अन्य क्षेत्रों में सिकल सेल रोग पर अभी पूरी तरह से नियंत्रण नहीं हो पाया है। वर्तमान में जिले में 1363 लोग सिकल सेल रोग से पीडि़त हैं। वहीं 12552 लोगों को यह रोग तो है, लेकिन उनमें अभी कोई गंभीर बीमारी(कॅरियर) नहीं दिख रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सिकल सेल रोग के उन्मूलन हेतु राष्ट्रीय प्रयास जारी हैं। यह रोग विशेष रूप से जनजातीय समुदायों में अधिक पाया जाता है। समय पर जांच, परामर्श और इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इससे बचाव के लिए समय-समय पर शिविर का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह एक अनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें लाल रक्त कण(आरबीसी) या सींग जैसी आकृति में बदल जाते हैं, जिससे शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है। उन्होंने बताया कि लगातार थकान, हाथ-पैरों में सूजन और दर्द, बार-बार बुखार, पीलिया, बार-बार इंफेक्शन इत्यादि लक्षण दिखाई देते है। सिकल सेल एनीमिया के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर पहली बार 6 महीने की उम्र के आसपास दिखाई देते हैं और समय के साथ बदल सकते हैं।

आनुवंशिक बीमारी
डॉक्टरों के अनुसार सिकल सेल एनीमिया या सिकल सेल डिजीज एक जेनेटिक यानी आनुवंशिक बीमारी है। जिसमें रेड ब्लड सेल्स का आकार असामान्य हो जाता है, जो सिकल जैसा दिखता है। यह सिकल के आकार की कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं, जिससे शरीर में ब्लड फ्लो प्रभावित होता है। इससे शरीर में दर्द और टिश्यू डैमेज हो सकती है। यह रोग हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होता है सिकल सेल रोग से पीडि़त लोगों में रेड ब्लड सेल्स सिकल या चंद्रमा के आकार की होती हैं। इसी वजह से इसे सिकल सेल रोग कहा जाता है। यह बीमारी संक्रमित माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर होती है। इस बीमारी की वजह से रेड ब्लड सेल्स सामान्य से कम समय तक जीवित रहती हैं।

बचाव के लिए करना चाहिए यह उपाय
विवाह से पूर्व हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस/ सिकल सेल की जांच कराए, सिकल सेल रोग और वाहक की पहचान होने पर डॉक्टर से जेनेटिक काउंसलिंग लें, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच कराएं।

यह न करें
सिकल सेल रोगी या वाहक की जानकारी न छिपाएं। बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें एवं वैवाहिक निर्णय बिना परामर्श के न करें।

लगाया जा रहा निशुल्क जांच शिविर
सिवनी जिले के जनजातीय क्षेत्रों में लगातार शिविर लगाकर सिकल सेल रोग की जांच की जा रही है। जांच के बाद अगर किसी में यह लक्षण पाया जाता है तो बकायदा उसका कार्ड बनता है और निशुल्क इलाज किया जा रहा है। निशुल्क दवाएं व फॉलोअप उपचार, नवजात शिशु स्क्रीनिंग की जा रही है।

इनका कहना है…
मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे सिकल सेल रोग को लेकर समय पर जांच कराएं। जानकारी को समाज में साझा करें। विवाह से पहले स्क्रीनिंग अवश्य कराएं एवं स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।

डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर, सीएमएचओ, सिवनी