बड़ी मात्रा में प्रतिदिन मत्स्य आहार का उत्पादन कर पांच किलो, 50 किलो और मांग के मुताबिक पैकिंग कर सप्लाई प्रदेश व बाहर तक की जानी थी। लेकिन इसकी सप्लाई फिलहाल मंडला, बालाघाट, कटनी, बैतूल एवं हरदा जिलों से हो रही मांग के मुताबिक हो रही है। इधर जानकारों की मानें तो मत्स्य आहार की मांग अधिक न होने का मुख्य कारण मत्स्य आहार के मूल्य की अधिकता और बाजार में आई मंदी को माना जा रहा है।