
सिवनी. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत सिवनी-इतवारी रेल सेक्शन में भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बने ब्रिज नंबर-94 में आई दरार को लेकर लगातार टीमें निरीक्षण कर रही हैं। कुछ दिन पूर्व रेलवे बोर्ड दिल्ली से भी टीम ने ब्रिज को बारीकी से देखा था। ब्रिज में दरार किन वजहों से आई और आगामी समय में ऐसी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए क्या किया जा सकता है इन सभी बिन्दुओं पर टीम ने रिपोर्ट तैयार की थी। इसके बाद दिल्ली रवाना हो गई। वहीं बिलासपुर से भी टीम कई बार आ चुकी है। अब टीम की रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी। कंस्ट्रक्शन विभाग द्वारा नया ब्रिज बनाया जाएगा। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया होगी। जिसमें कम से कम एक माह का समय लग सकता है। रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि ब्रिज बनाने में कम से कम पांच से छह माह का समय लग सकता है। अगर ऐसा हुआ तो फिर सिवनीवासियों को छिंदवाड़ा से सौंसर होते हुए नागपुर तक की ट्रेन सुविधा छह माह बाद ही मिल पाएगी।
गनीमत रही कि नहीं हुआ बड़ा हादसा
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल की डीआरएम नमिता त्रिपाठी ने 22 अगस्त को पांढुर्ना जिले के सौंसर में स्थित रेलवे ब्रिज नंबर-94 का निरीक्षण किया था। हालांकि उस समय ब्रिज में कोई समस्या नहीं बताई गई। अधिकारियों ने सबकुछ ठीक बताया। दो दिन बाद 25 अगस्त की सुबइ इस ब्रिज में दरार आ गई। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। हालांकि डीआरएम के निरीक्षण को लेकर कई सवाल भी खड़े हुए। ब्रिज से होकर गुजरने वाली ट्रेनों को निरस्त या फर रूट डायवर्ट कर दिया गया। ट्रैक को सस्पेंड करने के बाद रेलवे की टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं। ब्रिज में चारों तरफ से दरार होने की वजह से अब इसे बनाने में लंबा समय लगेगा।
ब्रिज कार्यों में शुरु से उठते रहे हैं सवाल
बताया जाता है कि भंडारकुंड से भिमालगोंदी रेलमार्ग पर ब्रिज नंबर-94 को बनाने में ढाई करोड़ का खर्च आया था। जबकि महज तीन साल में इस ब्रिज के मेंटनेंस में ही साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस ब्रिज को लेकर शुरु से सवाल उठते रहे हैं। आसपास के ब्रिज में हुए कार्यो को लेकर भी सीआरएस ने कई सवाल खड़े किए गए। ब्रिज नंबर-94 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई थी। 24 घंटे ब्रिज का निरीक्षण के लिए भी कहा गया था।
करोड़ों रुपए हुए थे खर्च
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे नागपुर मंडल के अंतर्गत छिंदवाड़ा-सिवनी-नैनपुर-मंडला फोर्ट रेल परियोजना कार्य वर्ष 2015 से 2022 तक चला था। परियोजना में लगभग 1400 करोड़ एवं छिंदवाड़ा से इतवारी रेल परियोजना में भी 1300 करोड़ रुपए खर्च किए गए। सात साल के लंबे इंतजार के बाद लोगों को छिंदवाड़ा से सिवनी, नैनपुर होते हुए जबलपुर तक एवं नागपुर तक चंद ट्रेनों की सौगात मिली। हालांकि वह भी आए दिन निरस्त हो जा रही है। इससे यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
Published on:
06 Sept 2024 04:25 pm
बड़ी खबरें
View Allसिवनी
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
