सिवनी. प्राकृतिक आपदा के कहर से अन्नदाताओं को खून के आंसू रोने मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार की रात को तेज हवा-तूफान के साथ हुई मूसलाधार बारिश ने जमकर कहर बरपाया। केवलारी और बरघाट ब्लॉक के कई गांव क्षेत्रों में लगी मक्का फसल खेतों में बिछ कर बर्बाद हो गई।
ग्राम रोशान, चावरमारा के किसानों में दुर्गेश ठाकुर, नारायण ठाकुर, प्रीतम ठाकुर, देवीसिंह ठाकुर समेत अन्य किसानों ने बताया कि सोमवार की रात डेढ़ घण्टे तेज आंधी तूफान के साथ हुई झमाझम बारिश के बाद जब किसान मंगलवार की सुबह खेत पहुंचे तो खेतों का नजारा देख हतप्रभ रह गए। खेतों में कल तक मक्का की फसल जो लहलहा रही थी वह जमीन में बिछी पड़ी थी। कई एकड़ में लगी मक्का की बर्बाद हो चुकी फसल देख किसान सन्न रह गए। किसानों ने बताया कि उन्होंने महंगे बीज खरीदकर मक्का की बोवनी की। वहीं अच्छे उत्पादन के लिए नींदानाशक, खरपतवार, कीटनाशक, दवाओं के छिड़काव के साथ ही यूरिया खाद डालकर फसल को तैयार किया था।
किसानों ने मंगलवार को क्षेत्र के पटवारी को प्राकृतिक आपदा से फसल बर्बाद होने की जानकारी से अवगत कराया। वहीं किसानों का कहना है कि पिछले 3-4 सालों से क्षेत्र की फसलें कभी प्राकृतिक आपदा से तो कभी कीटव्याधी, जंगली सूकर, हिरण आदि से बर्बाद हो रही है। जिसने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। किसान कर्ज और आर्थिक तंगहाली से लगातार जूझ रहे हैं। किसानों से कलेक्टर से मांग की है कि क्षेत्र में बर्बाद हुई फसल का शीघ्र ही सर्वे कार्य कर उचित मुआवजा, राहत राशि व बीमा प्रदाय किया जाए।