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अपर सचिव का आदेश नहीं माना, 12 महने के आदेश के बावजूद अतिथि विद्वानों की सेवा 20 दिनों के लिए ब्रेक

अतिथि विद्वान महसूस कर रहें ठगा

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अपर सचिव का आदेश नहीं माना, 12 महने के आदेश के बावजूद अतिथि विद्वानों की सेवा 20 दिनों के लिए ब्रेक

शहडोल। राज्य शासन के निदे्र्रशो के अनुसार महाविद्यालयों में शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य सम्पूर्ण वर्ष (अर्थाति१२ माह) होता है। जिसमे प्रवेश प्रक्रिया, योजनाओं का क्रियावन्यन व अन्य गतिविधिया संचालित होती रहती है। ऐसी स्थिति में अतिथि विद्वानों को ११ माह के स्थान पर संपूर्ण वर्ष १२ माह की अबधि के लिए सेवा देने का निर्णय लिया गया है। लेकिन कन्या महा विद्यालय शहडोल के प्रार्चाय द्वारा सेवारत अतिथि विद्वानों को २५ मई से १५ जून तक के लिए आदेश जारी कर छुट्टी कर दी गई है। जबकि प्रदेश के अन्य जिले सतना,खंडवा,शिवपुरी आदि महाविद्याालयों में अतिरिक्त आदेश जारी कर अतिथि विद्वानों की सेवाए लगातार की गई है। इतना ही नहीं अपर सचिव मप्र शासन ने भी अतिथि विद्वानों की १२ महीने लगातार सेवा लेने के आदेश जारी कर चुके है। इसके बाद भी कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा अपर सचिव के आदेश का पालन नहीं किया गया। कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य ने इसके लिए विधिवत आदेश जारी कर अतिथि विद्वानों की सेवा २० दिनों के लिए ब्रेक कर दी गई है। प्राचार्य के इस निर्णय से महाविद्यालय में सेवा दे रहें अतिथि विद्वान अपने आप को ठगा महसूस कर रहें है।
मधुमक्खी पालन पर दो दिवसी संगोष्ठी का मानस भवन में शुभारम्भ
स्थानीय सहयोगी संस्था स्वामी हरिदास शिक्षा समिति के सहयोग से मानस भवन में अपर कलेक्टर विकास एसकृष्ण चैतन्य मुख्य आतिथ्य में रविवार को दो दिवसीय मधु मक्खी पालन संगोष्ठी का शुभारम्भ किया गया। जिसमे अपर कलेक्टर विकास एसकृष्ण चैतन्य,एमपी ंिसह , पीबी सिंह चौहान, एसएडीओ बुढार ने अपने उद्बोधन में कहा कि शहडोल एक आदिवासी बाहुल्य जिला है जहां बड़ी संख्या में वन सम्पदा है। इसके माध्यम से मधु मक्खी पालन अन्य जगहों की अपेक्षा बहुत आसान एवं किसानों के लिये लाभ का धंधा साबित हो सकता हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख मृगेन्द्र सिंह जी ने मधु मक्खियों द्वारा किये जाने वाले पर परागण से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुये कहा कि मधु मक्खी पालन के माध्यम से जहां एक ओर हम अनेक लाभ प्राप्त कर सकते है वहीं तिलहनी फसलों में 30 से 40 प्रतिशत, दलहनी फसलों में 25 से 30 प्रतिशत सेव और लीची में 8 से 10 गुना, तथा कद्दू वर्गीय सब्जियों में पर परागण के माध्यम से 3 गुना तक अतरिक्त लाभ फसल के उत्पादन में बृद्धि के माध्यम से प्राप्त कर सकतें है। जनपद पंचायत बुढार से आये अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार मिश्रा द्वारा मधु मक्खी पालन के महत्व को समझते हुये जनपद क्षेत्र अन्तर्गत मनरेगा योजना अन्तर्गत चयनित समस्त पौध रक्षकों को जुडऩे हेतु सलाह देकर मधु मक्खी पालन को जिलें में अव्वल दर्जे पर ले जाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन स्वामी हरिदास शिक्षा संमिति के संस्थापक मुनीन्द्र कुमार मिश्र द्वारा किया गया।